पहली बार ऐसा होगा, जहां परीक्षा वहीं से स्कैन हो जाएगी उत्तर पुस्तिका

जबलपुर। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा कि जहां परीक्षा होगी, वहीं उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैनिंग हो जाएगी। कुछ ही समय में मूल्यांकनकर्ता तक पहुंच जाएगी। इसकी तैयारी मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमपीएमएसयू) ने की है। मूल्यांकन को शीघ्र पूर्ण करके, परीक्षा परिणाम की समय पर घोषणा के लिए नई योजना बनाई है।

मूल उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतीक्षा नहीं करना होगा

इस व्यवस्था में मूल्यांकन के लिए मूल उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतीक्षा नहीं करना होगा। स्कैन होते ही यह आनलाइन विश्वविद्यालय तक और वहां से संबंधित मूल्यांकनकर्ता तक पहुंच जाएगी। इसका छात्रों को लाभ मिलेगा। उन्हें परिणाम के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करना पड़ेगा।

निजी एजेंसी पर होगा दायित्व

उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन करने का दायित्व एक निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा। एजेंसी को विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित किए जाने वाले प्रत्येक परीक्षा केंद्र (संबद्ध महाविद्यालय) तक पहुंचना होगा। अपने मानव श्रम एवं संसाधन से उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन करने की प्रक्रिया करना होगा।

एक नियत समय पर कंपनी को स्कैन कार्य करना होगा

उत्तर पुस्तिका स्कैन करने की व्यवस्था मेडिकल के साथ ही डेंटल, आयुष, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल परीक्षा के लिए भी होगी। प्रश्न पत्र के आयोजन के बाद एक नियत समय पर कंपनी को स्कैन कार्य करना होगा।

नई व्यवस्था से लाभ..

  • उत्तर पुस्तिका विश्वविद्यालय तक लाने के लिए वाहनों को बार-बार फेरा नहीं लगना होगा। स्कैन होने के बाद एक जगह पर एकत्रीकरण होगा। एक बार में परिवहन हो जाएगा। अनावश्यक परिवहन व्यय बचेगा।
  • परीक्षा केंद्र से ही उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटल रिकार्ड तैयार हो जाएगा। एकत्रीकरण व परिवहन में चूक, बारिश या अव्यवस्था सहित अन्य कारणों से उत्तर पुस्तिका के नष्ट होने और गुमने पर समस्या नहीं होगी।
  • प्रश्न पत्र के आयोजन के बाद नियत समय-सीमा में उत्तर पुस्तिका स्कैन होगी। डिजिटल प्रति प्राप्त होते ही विश्वविद्यालय इसे शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए ईमेल कर देगा। समय बचेगा, प्रक्रिया की गति बढे़गी।
  • अलग-अलग केंद्र से उत्तर पुस्तिका संग्रहण और फिर विश्वविद्यालय तक परिवहन में काफी समय लग जाता है। फिर वहां स्कैनिंग और मूल्यांकन के लिए शिक्षक तक भेजने की प्रक्रिया से मूल्यांकन पिछड़ता है।
  • घर पर शिक्षक अपनी सुविधानुसार मूल्यांकन कार्य करते है। एक-एक महीने तक उत्तर पुस्तिका वापस नहीं करते। परिणाम में विलंब होता है। इससे निपटने केंद्रीयकृत डिजिटल मूल्यांकन की व्यवस्था की जा रही है।
  • यह व्यवस्था आरंभिक रुप से 17 मेडिकल कालेज में होगी। जहां, पर 20-20 कंप्यूटर क्षमता की लैब, डिजिटल मूल्यांकन की लिए बनाई जाएगी। भविष्य में आयुष एवं अन्य कालेजों में विस्तार किया जाएगा।

विश्वविद्यालय में..

40 से अधिक पाठ्यक्रम अभी संचालित है।

400 के लगभग कालेज संबद्धता प्राप्त है।

01 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.