युद्ध समय क्यों बढ़ जाते हैं सोने के दाम, रुस-यूक्रेन वॉर से अबतक 26,000 रुपए महंगा हुआ गोल्ड

युद्ध किसी भी देश लिए अच्छा नहीं होता है, भले ही उस युद्ध में किसी एक की विजय हो जाए. क्योंकि युद्ध लड़ने के लिए उस देश की इकोनॉमी को भारी कीमत चुकानी पड़ती है. पिछले दो सालों के ग्लोबल हलचल पर नजर डालें तो तीन अलग-अलग मोर्चों पर 6 से अधिक देश एक दूसरे से लड़ाई लड़ रहे हैं. रूस-युक्रेन से लेकर इजरायल हमास और इजरायल ईरान के बीच जारी इस जंग ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है.

ऐतिहासिक आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि जब-जब दुनिया में युद्ध का माहौल देखा है तब-तब सोने की कीमतों में ताबड़तोड़ तेजी देखी गई है. चाहे वो रुस-यूक्रेन वॉर हो यहां इजराइल-हमास का वॉर या फिर मौजूदा इजराइल-ईरान का दौर. सोने की कीमतों में हमेशा तेजी देखी गई है. रुस-यूक्रेन वॉर से लेकर अबतक सोना करीब 26,000 रुपए महंगा हो चुका है. आइए आपको आकड़ों के जरिए पूरी कहानी समझाने की कोशिश करते हैं.

रूस यूक्रेन वॉर में सोना 4900 रुपए महंगा

कोविड के आसार अभी खत्म भी नहीं हुए थे, कि पूरी दुनिया में एक लंबे चलने वाले वॉर की चपेट में आ गया था? 24 फरवरी 2022 को रूस ने पहली बार युक्रन पर रूस ने हमला किया. उसके बाद गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त उछाले देखने को मिला था. 23 फरवरी को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम 50,379 रुपए प्रति दस ग्राम थी, जोकि साल के आखिर तक गोल्ड के दाम 55,270 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया था. इसका मतलब है कि इस दौरान गोल्ड की कीमतों मे करीब 4900 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका था. फरवरी 2022 में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के दौरान,गोल्ड की कीमतों में इजाफा देखने को मिला. उसके बाद जब 6 जून को यूक्रेन की ओर से रूस पर जवाबी कार्रवाई की तो गोल्ड की कीमतों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिली है. 24 फरवरी से अब तक गोल्ड की कीमतों में 25,871 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. इसका मतलब है कि गोल्ड के निवेशकों को तब से अब तक 51 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिल चुका है.

इजराइल हमास वॉर में 6,332 रुपए की तेजी

7 अक्टूबर को इजराइल हमास वॉर शुरू हो गया था. उस दिन शनिवार था और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का बाजार बंद था. 6 अक्टूबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम 56,871 रुपए प्रति 10 ग्राम थे. जब 9 अक्टूबर को बाजार ओपन हुआ तो गोल्ड की कीमतें एक दम से 57,500 रुपए के लेवल पर पहुंच गई थी. साल के आखिरी कारोबारी दिन गोल्ड के दाम 63,203 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए थे. इसका मतलब है कि करीब 3 महीनों के भीतर गोल्ड की कीमतों में 6,332 रुपए यानी 11 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था.

इजराइल-लेबनान ने 4200 रुपए महंगा किया सोना

मिडिल ईस्ट की टेंशन अभी तक खत्म नहीं हो सकी है. साल 2024 का 10वां महीना शुरू हो चुका है, इजराइल—लेबनान अब ईरान के साथ भी पंगा शुरू हो गया है. वैसे चाल 2024 में गोल्ड में इजाफे की प्रमुख वजहों में सेंट्रल बैंकों की बाइंग और गोल्ड ईटीएफ में निवेश था. जिसका असर गोल्ड की कीमतों में भी दिखाई दिया. अगर बात मौजूदा साल की करें तो गोल्ड की कीमत में करीब 21 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. इसका मतलब है कि 13 हजार रुपए से ज्यादा का इजाफा हो चुका है. बीते एक महीने में इजराइल के साथ मिडिल ईस्ट से पंगा बीते एक महीने में ज्यादा तीखा हुआ है. इस दौरान गोल्ड के दाम 72,071 रुपए प्रति दस ग्राम थे, जोकि एक महीने में बढ़कर 76,250 रुपए पर आ गई है. इसका मतलब ये हुआ बीते एक महीने में करीब 4200 का इजाफा देखने को मिल चुका है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एचडीएफसी सिक्योरिटी में कमोडिटी करेंसी हेड अनुज गुप्ता ने टीवी9 हिन्दी को बताया कि सोना हमेशा से पारंपरिक निवेश का सबसे भरोसेमंद सोर्स माना जाता रहा है. ऐसे में युद्द के दौरान निवेशक एक ऐसा निवेश तलाशते हैं जिनपर उन्हें भरोसा हो. आकड़ों के मुताबिक युद्ध के दौरान शेयर बाजार में गिरावट होती है. ऐसा ही कुछ हुआ है इजराइल-ईरान युद्द के दौरान. इस दौरान भी जहां दुनिया भर के बाजारों में गिरावट है वहीं सोना नए रिकॉर्ड बना रहा है. 3 अक्टूबर की ही बात करें इजराइल-ईरान युद्द के कारण भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है. सेसेंक्स 1700 से ज्यादा अंकों की गिरावट पर बंद हुआ है. उधर 3 अक्टूबर को सोना एक दिन में 1500 रुपए से ज्यादा महंगा हो चुका है.

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