टीकमगढ़। केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक विभिन्न विभागों में अपने रिकॉर्ड 201 सांसद प्रतिनिधि बनाकर ऐसे घिरे कि भाजपा के ही विधायक और पूर्व विधायकों के निशाने पर आ गए।
उनके संसदीय प्रतिनिधियों पर अनैतिक गतिविधियों और पूर्व में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर पार्टी पदाधिकारियों ने स्थानीय स्तर से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक को शिकायती पत्र लिख दिए।
हालांकि विरोध करने वालों को केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक रूप से चुनौती भी दे डाली थी, परंतु इसी दौरान एक्सीलेंस स्कूल संख्या- एक के सांसद प्रतिनिधि आशीष तिवारी पर एक नाबालिग से छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज हो गया। ऐसे में, केंद्रीय मंत्री बैकफुट पर आ गए और उन्हें अपने प्रतिनिधि हटाने पड़ गए हैं।
भाजपा पदाधिकारियों ने शुरू कर दी घेराबंदी
केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने अपने टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के तीन जिलों- टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी के हर विभाग में अपने प्रतिनिधि के रूप में निगरानी पहरेदार नियुक्त कर दिए थे। टीकमगढ़ में 62, निवाड़ी में 40 और छतरपुर में 99 प्रतिनिधि बनाए गए। एक साथ इतने ज्यादा प्रतिनिधियों की सूची जारी होते ही भाजपा के पदाधिकारियों ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी।
विधायकों ने केंद्रीय मंत्री की कार्यशैली पर उठाए सवाल
सबसे पहले महाराजपुर से पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह भंवर राजा ने विरोध किया और पार्टी के विरोध में कार्य करने वालों को प्रतिनिधि बनाने का आरोप खुलकर केंद्रीय मंत्री पर लगा दिया। इसके बाद छतरपुर की विधायक ललिता यादव, टीकमगढ़ के पूर्व विधायक राकेश गिरी, खरगापुर के पूर्व विधायक राहुल सिंह लोधी ने भी प्रतिनिधियों के नाम पर केंद्रीय मंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
हालांकि केंद्रीय मंत्री खटीक ने दो टूक जवाब देते हुए कह दिया था कि यह उनका अधिकार क्षेत्र है कि जिसे चाहें अपना प्रतिनिधि बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी शिकायत होगी, उनसे पूछा जाएगा तो जवाब देने को तैयार हैं।
इसी बीच, टीकमगढ़ सिटी कोतवाली में एक स्कूल में प्रतिनिधि बनाए गए आशीष तिवारी उर्फ चीनी पर एक बच्ची से छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज हो गया। ऐसे में भाजपा के अंदर से उठे स्वरों को तो बल मिला ही, कांग्रेस ने भी केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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