गरबा सिर्फ गरबा रहे, फूहड़ नाच पसंद नहीं।

सोशल मीडिया में चल रहा नवदुर्गा में गरबा उत्सव मनाने का विरोध
राष्ट्र चंडिका न्यूज,सिवनी: में नवरात्रि पर होने वाले गरबा महोत्सव को लेकर रार मची हुई है। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान गरबा हो या ना हो इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस चल रही है। हिंदू युवा उत्सव समिति के सदस्य इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि गरबा का कार्यक्रम नवरात्रि के 9 दिनों के बाद हो, इसके पीछे दलील दी गई है कि गरबा आयोजन होने से माता का पर्व बाधित होता है। हिंदू युवा उत्सव समिति का मानना है कि ज़्यादातर युवा गरबा देखने जाते हैं जिस वजह से माता के पंडाल खाली रहते हैं। इसके मद्देनज़र उत्सव समिति ने सोशल मीडिया में अभियान छेड़ दिया है उर इसके बाद से लोग लगातार अभियान का समर्थन करते हुए पोस्ट कर रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा ‘ विरोध गरबे का नहीं बल्कि गरबे के नाम पर हो रहे व्यापार का है, उसमें होती कपल अश्लीलता का है।’ वहीं दूसरे यूज़र ने लिखा ‘ गरबा सिर्फ़ गरबा रहे और मर्यादा में रहे, फूहड़ नाच पसंद नहीं।’ एक और यूज़र ने लिखा ‘ गरबा आयोजन नवरात्रि के बाद हो और सभी आयोजक गरबा की प्रथा के बारे में जानकारी लेकर ही आयोजन करें।’ इन पोस्ट में लोग अलग-अलग कमेंट और शेयर करके अपना समर्थन जाता रहे हैं, तरह की ढेरों पोस्ट से सोशल मीडिया भरा हुआ है। इसके बाद गरबा आयोजन कराने वाले या गरबा का समर्थन करने वाले भी मैदान में आ गए और सोशल मीडिया पर शुरू हुआ पलटवार का दौर, एक यूज़र ने लिखा ‘ गरबा तो अपने 9 दिनों में ही होगा, हिंदू संगठन पहले 365 दिन गली-गली में चलने वाली और एल्बम में चलने वालो भगवानों की नौटंकी बंद कराएं।’ वहीं एक दूसरे यूज़र ने लिखा ‘ गरबा कोई मनोरंजन का नहीं बल्कि माता की आराधना के लिए किया जाने वाला नृत्य है।’ बहरहाल गरबा आयोजन समितियों ने गरबा प्रशिक्षण की शुरुआत कर दी है, गरबा आयोजन में भाग लेने वाले प्रतिभागी रोज़ाना प्रैक्टिस में जुए हुए हैं और सोशल मीडिया में गरबे के विरोध और समर्थन में बहस जारी है। इस बार पुलिस के लिए भी चुनौती होगी कि गरबा आयोजन को लेकर विवाद के हालात ना बनें.

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