लोगों की सुरक्षा के लिए तत्पर महाराष्ट्र पुलिस में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी बच्चे के लिए सुरक्षा दूत बनकर सामने आईं. जलगांव में एक 11 साल का बच्चा डूब रहा था. बच्चे को डूबता हुआ देखकर महिला पुलिसकर्मी बिना अपनी जान की परवाह किए हुए नदी में कूद गई और डूबते बच्चे को बचाने की कोशिश में जुट गई. बच्चा पानी में डूब रहा था और सांस नहीं ले पा रहा था. महिला पुलिसकर्मी ने उसे जोर से पकड़ा और ऊपर की ओर उठाने लगी, ताकि बच्चा जल्द से ही सांस ले सके. महिला कांस्टेबल की सक्रियता ने एक मासूम की जिंदगी को सुरक्षित कर लिया.
दरअसल, एक बच्चा किनारे से होकर नदी में पैसा लेने के लिए जा रहा था. उसका पैर फिसल गया. पैस फिसलते ही नदी में गिर गया और जोर-जोर से बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा. वहां मौजूद लोग बच्चे की आवाज को सुनते रहे, लेकिन कोई भी उसे बचाने के लिए नहीं गया. वहीं ड्यूटी पर तैनात एक महिला कांस्टेबल ने अपनी जान की परवाह नहीं की और बच्चे के लिए वहां पहुंच गई. बच्चा कनाल्डा नदी में गिर गया था.
ऋषि पंचमी के मौके पर नहाने गए थे लोग
ऋषि पंचमी के मौके पर महर्षि कण्वाश्रम के पास एक नदी तट पर हजारों महिलाओं और बच्चे नहाने और पूजा करने के लिए गए हुए थे. वहीं एक बच्चा पैसा लेने के लिए नदी के किनारे गया. तभी वह महिला आश्रम के बगल वाले घाट पर नहा रहा था, लेकिन वो वहां से पैसा लेना चाहता था, तभी वहीं उसका पैर फिसल गया. वह किनारे से नीचे गहरे पानी में गिर गया. पानी में गिरने के बाद बच्चा चिल्लाता रहा, लेकिन उसे बचाने के लिए आगे नहीं आया. वहां ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल पूर्णिमा चौधरी ने यह घटना देखी और वर्दी में ही अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
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