आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला श्रीवारी भक्तों को प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू का स्वाद और सुगंध जल्द ही बदलने वाला है. अब यह लड्डू कर्नाटक की नंदिनी घी में बनाए जाएंगे. इसके लिए टीटीडी ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के साथ करार किया है. यह करार 350 टन घी के लिए हुआ है. करार होने के बाद फेडरेशन ने घी की आपूर्ति भी शुरू कर दी है. टीडीडी ने यह कवायद लड्डू में घी के स्वाद को लेकर लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए किया है.
घी की गुणवत्ता को लेकर आ रही शिकायतों पर पहले ही टीडीडी ने पुराने वेंडर को चेतावनी दी थी, बावजूद इसके सुधार नहीं हुआ तो अब घी का वेंडर बदल दिया गया है. इस फैसले के बाद टीटीडी ने आधिकारिक तौर घोषणा की है कि प्रसाद के लिए केवल नंदिनी घी में ही लड्डू बनाए जाएंगे और यह व्यवस्था टीटीडी द्वारा संचालित सभी मंदिरों में लागू होगी. बता दें कि टीटीडी तिरुमाला में भक्तों को प्रसाद के रूप में रोजाना लगभग साढ़े तीन लाख लड्डू उपलब्ध कराता है.
सुरेंद्र रेड्डी समिति ने की जांच
चूंकि पिछले दिनों इन लड्डुओं की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद जांच कराई गई. गुणवत्ता जांचने के लिए नियुक्त सुरेंद्र रेड्डी समिति ने लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी बदलने की पहल की थी. इसके बाद टीटीडी ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के साथ नंदिनी घी खरीदने के लिए डील किया है. टीटीडी के अधिकारियों के मुताबिक नंदिनी डेयरी को घी में गुणवत्ता मानकों का पालन करने वाली कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त है. खुद टीटीडी ने भी बेंगलुरु में दूध परीक्षण प्रयोगशाला में नंदिनी कंपनी द्वारा निर्मित घी की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया.
सभी मंदिरों में अब नंदिनी घी के बनेंगे लड्डू
फिर रिपोर्ट देखने के बाद इस डील को साइन किया गया है. टीटीडी ने आधिकारिक तौर पर कहा कि अ ब भविष्य में देश के सभी टीटीडी मंदिरों में भक्तों को लड्डू प्रसाद नंदिनी घी में ही बनाकर उपलब्ध कराए जाएंगे. उधर, नंदिनी घी की आपूर्ति करने वाले वेंडर ने भी टैंकर की साफ सफाई से लेकर अन्य बिंदुओं की जांच की है. कहा कि गुणवत्ता में कमी की वजह से ही पुराने वेंडर को हटाया गया है. इसलिए अब प्रयास किया जा रहा है कि इस घी पर कोई उंगली ना उठा सके.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.