उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले एक बार फिर जातीय जनगणना का मुद्दा सुर्खियों में है. सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसका मकसद कमजोर पिछड़ी जातियों को लाभ पहुंचाना होना चाहिए ना कि सिर्फ चुनिंदा जातियों को लाभ मिले.
राजभर समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने जो बात कही है. हम उसका समर्थन करते हैं. उन्होंने ये दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में NDA गठबंधन ही जातीय जनगणना कराएगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ राजनीति के लिए ये मुद्दा उठा रहा है.
कमजोर जातियों को लाभ मिले
राजभर ने कहा कि जातीय जनगणना का मकसद पिछड़ी जातियों में जो कमजोर जातियां हैं, उनको लाभ पहुंचना होना चाहिए. वो जाति जो राजनीतिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई हैं, जिनकी जनसंख्या भी कम है, उन्हें कैसे लाभ पहुंचे ये मुख्य मुद्दा है. उन्होंने कुछ जातियों का नाम भी लिया जैसे की नाई, पाल, प्रजापति, बिंद, केवट मल्लाह आदि और कहा कि ये ऐसी जाति हैं, जिनकी जनगणना होगी तब इनकी संख्या का पता चलेगा.
उन्होंने कहा कि इन जातियों की जनसंख्या कम है, इसलिए इन्हें वो सामाजिक न्याय नहीं मिल पाया है जो इन्हें मिलना चाहिए था और कहा कि आज तक यही होता रहा है की पिछड़ी जातियों में भी 8-10 ऐसी जातियां हैं, जिसको सामाजिक और राजनीति लाभ मिलता रहा है.
विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है
सपा, बसपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ राजनीति के लिए जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हैं. आज तक ये लोग पिछड़ी जातियों को इंसाफ नहीं दिला पाए. इन लोगों को जातीय जनगणना का ख्याल सिर्फ चुनाव के समय आता है.उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य न सिर्फ जातीय जनगणना है बल्कि इन जातियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार देना है तथा उनको सामाजिक और राजनीतिक हिस्सेदारी दिलाना है और ये सिर्फ जुमला नहीं है. हम इसे प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पूरा करके दिखाएंगे.
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