भारत का सिनेमाई इतिहास बहुत पुराना है. लेकिन उससे भी ज्यादा पुरानी हैं, देश में गूंजने वाली किंवदंतियां, यानी वो गली-कूचों की कहानियां जो दादी-नानी के मुंह से सुनकर हम सब बड़े हुए हैं. आज भी किसी पुराने से गांव के, पुराने से बरगद या नीम के पेड़ पर बैठने वाली सदियों साल पुरानी चुड़ैलों के शरीर से लिपटने की कहानी सुनाकर बच्चों को माएं खाना खिलाती हैं. कहने का मतलब ये है कि हमारे देश की लोक कथाओं में भूत-प्रेतों का अस्तित्व बहुत अच्छे तरीके से रचा बसा है और उन्हीं कहानियों को लेकर बड़े पर्दे पर गढ़ने की कोशिश फिल्ममेकर्स ने की है. लेकिन तकनीक अब बदल चुकी है और उसके साथ ही बदल चुके हैं सिनेमा के ये भूत.
नई तकनीकों के साथ हॉरर फिल्मों में भूतों का लुक भी पूरी तरह से बदल चुका है. पहले के सिनेमा में अगर कोई लड़की भूत बनती थी तो उसके लिए आंखों में लेंस लगाया जाता था. अगर कोई लड़का भूत बनता था तो उसके चेहरे पर हैवी मेकअप किया जाता था, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है. आज के सिनेमा में तकनीक का इस्तेमाल कर भूतों के अलग से चेहरे बनाए जाते हैं.
इसके अलावा पहले के वक्त में जब लोगों को डराना होता था तो मेकर्स दरवाजे के साउंड, पानी के गिरने की आवाजें और कैमरे के एंगल्स और लाइटिंग पर फोकस करते थे. हालांकि आज की फिल्मों में कहानी पूरी तरह से अलग है. आज की फिल्मों में वीएफएक्स की मदद से भूतों को रूप दिया जाता है, फिर उनके तैयार वीएफएक्स पर सीन के हिसाब से मोशन सेटिंग की जाती है, जिससे वह रियल फील देते हैं. मेकर्स आज की जनरेशन के लिए उनके हिसाब से भूतों को डिजाइन करते हैं. लेकिन एक और चीज है जिससे आज के भूतों की पहचान है, वह है उनकी बैक स्टोरी जिसे आजकल एक खास तरह से बिल्डअप दिया जाता है. ताकि कैरेक्टर और भी ज्यादा दिलचस्प हो जाए, आज हम आपको बताते हैं कि कैसे सिनेमा के बदलने के साथ फिल्मों में ‘भूतों’ की सूरत और उनकी कहानी दोनों बदल गई है.
1. ‘दो गज जमीन के नीचे’ का भूत
30 दिसंबर 1972 के दिन रिलीज हुई ‘दो गज जमीन के नीचे’ फिल्म अमीर साइंटिस्ट राजवंश और उसकी धोखेबाज पत्नी अंजली पर बेस्ड है. इस फिल्म में साइंटिस्ट का किरदार सुरेंद्र कुमार ने निभाया था और अंजली के रोल में शोभना को दिखाया गया था. फिल्म में काफी डरावने सीन हैं. इस फिल्म में सत्येन कप्पू, धूमल, हेलन और इम्तियाज खान जैसे कई सितारों ने मुख्य भूमिका निभाई है. ‘दो गज जमीन के नीचे’ फिल्म में राजवंश की संपत्ति के लिए अंजली उसे अपने पुराने प्रेमी के साथ मिलकर मार देती है और उसकी लाश को वो दोनों कब्रिस्तान में दफना देते हैं. फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब राजवंश अपनी मौत का बदला लेने के लिए एक जोंबी के रूप में वापस आता है. फिल्म में जोंबी दिखाने के लिए एक्टर के हैवी मेकअप किया गया है.
2. ‘जानी दुश्मन’ का भूत
जबरदस्त हॉरर फिल्म ‘जानी दुश्मन’ में शत्रुघ्न सिन्हा ने भूत का किरदार निभाया था. फिल्म में दुल्हन के जो़ड़े में किसी महिला को देखकर ‘भूत’ भड़क जाता था और उसे किडनैप कर लेता था. फिल्म में भूत को भालू की तरह दिखाया गया था. शत्रुघ्न सिन्हा के चेहरे पर हैवी मेकअप किया गया था. इसके साथ ही चेहरे को भालू की तरह दिखाने के लिए बालों का इस्तेमाल किया गया था. फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा एक और किरदार में भी थे इसलिए उनको दो-दो कॉस्ट्यूम बदलने पड़ते थे. हालांकि इस फिल्म में ये इस भूत की बैकस्टोरी को उतना हाइलाइट नहीं किया गया था.
5. ‘काकुड़ा’ का भूत
‘काकुड़ा’ मूवी की कहानी एक तड़पती हुई आत्मा की है. जिन किंवदंतियों की बात शुरूआत में की गई ये फिल्म उसका एक बढ़िया उदाहरण है. फिल्म में साकिब सलीम, सोनाक्षी सिन्हा और रितेश देशमुख ने लीड रोल निभाया है. फिल्म में मथुरा का एक छोटा सा गांव रतौड़ी दिखाया गया है. रतौड़ी गांव श्रापित है और वहां काकुड़ा का साया है. फिल्म में हर घर में दो दरवाजे हैं, एक बड़ा और एक छोटा.
गांव में हर मंगलवार को ठीक सवा सात बजे किसी भी पुरुष को घर का छोटा गेट खोलना पड़ता है. अगर घर का दरवाजा नहीं खुलता तो घर के पुरूष की 13वें दिन मौत हो जाती है. फिल्म में ‘काकुड़ा’ का किरदार निभाने वाले भूत को देखकर आपको हल्क का कैरेक्टर याद आ जाएगा. फिल्म का प्लॉट काफी अच्छा है जिसमें सस्पेंस भर-भरके है.
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