बिना नोटिस क्यों तोड़ा घर, गाड़ियां भी कर दीं चकनाचूर, एमपी सरकार से कांग्रेस का सवाल

मध्य प्रदेश के छतरपुर में बुलडोजर कार्रवाई पर सियासी पारा हाई होता जा रहा है. थाने पर पथराव की घटना के बाद कांग्रेस नेता हाजी शहजाद की कोठी को मुख्य आरोपी बताते हुए उनकी कोठी को ध्वस्त कर द्यिया गया था. इस मामले पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने प्रशासन की कार्रवाई पर कई सवाल उठाए हैं.

विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि छतरपुर की कार्रवाई सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है. उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है.उन्होंने कहा है कि कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्रवाई के लिए प्रावधान है. उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से भी बात की है. विधायक आरिफ मसूद ने इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं पर भी पक्षपात करने का आरोप लगाया है.

‘उपद्रवियों से ज्यादा पुलिस ने किया माहौल खराब’

छतरपुर में गुरुवार को कांग्रेस नेता हाजी शहजाद की आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया गया था. मंगलवार को हंगामे करते हुए भीड़ ने छतरपुर थाने पर पथराव किया था. पुलिस प्रशासन ने इसके लिए कांग्रेसी नेता हाजी शहजाद को मुख्य आरोपी मानते हुए उनकी कोठी को ढहा दिया था. इसको लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने थाने में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि पुलिस को इस मामले में मुकदमा दर्ज करने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों से ज्यादा तो पुलिस ने माहौल खराब कर दिया.

बैंक से लोन लेकर बनवाई कोठी: विधायक

उन्होंने बताया कि हाजी शहजाद का 30 हजार स्क्वायर फीट में परमिशन और बैंक लोन से बने हुए मकान को तोड़ दिया गया. मकान पर खड़ी तीन गाड़ियों को भी चकनाचूर कर दिया था. सीएम से बात करनी चाही तो हुई नही. वह कहते हैं कि मुख्य सचिव और डीजीपी से मिलने का समय ही नही दिया. उन्होंने जीतू पटवारी और उमंग सिंघार से बात की. उनका कहना है कि जब दूसरे कांग्रेस के साथ कुछ होता है तो सब खड़े होते हैं. दूसरे वर्ग के नेता के साथ कुछ होता है तो भी सभी नेताओ को खड़े होना चाहिए.

सीएम को पत्र में लिखा ये

दिनांक 21 अगस्त 2024 को छतरपुर सिटी कोतवाली में घटी घटना के बाद नाराज छतरपुर पुलिस ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर दिनांक 22 अगस्त 2024 को बिना नोटिस दिए लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाकर जमीदोज कर दिए, जो कि सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है.’

आरिफ मसूद ने लिखा कि ‘जिस तरह पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई के दौरान घरों एवं वाहनों को जेसीबी और पोखलेन मशीनों से तोड़ा है जिसको देखकर साफ प्रतीत होता है कि मध्यप्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है यदि कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्रवाई करने के लिए प्रावधान है. मेरा आपसे आग्रह है कि उपरोक्तानुसार जिस तरह बगैर नोटिस दिए मकानों को तोड़ा गया है ऐसी कार्रवाई करने वाले अधिकारीयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए जिससे आमजन का विश्वास कानून प्रक्रिया पर बना रहे.’

ये मेरे खिलाफ प्रशासन का षणयंत्र है: हाजी शहजाद

थाने पर पथराव करने वाले मुख्य आरोपी हाजी शहजाद का बयान आया है. उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वह थाने पर एफआईआर कराने के लिए शिकायती पत्र देने गए थे. भीड़ भी काफी ज्यादा थी. पहले शिकायती पत्र देने के लिए इंतजार करते रहे. जब तहरीर दी तो पुलिस अधिकारी ने 2-3 दिनों में एफआईआर करने को कहा. इस पर भीड़ बेकाबू हो गई. किसी ने थाने पर पथराव कर दिया. वह कहते हैं कि जब भीड़ से पथराव किया गया तो वह एसडीएम और एडीएम के साथ थे और भीड़ को शांत करा रहे थे. इसमें उनका कोई रोल नहीं है. वह कहते हैं कि ये मेरे खिलाफ प्रशासन का षणयंत्र है. वह 14 साल से संस्था चलाकर गरीबों की मदद करते हैं. किसी का आशियाना उजड़ जाता है तो उसे बसाने में मुश्किल हो जाती है.

ये था मामला

छतरपुर थाने में पथराव की घटना मंगलवार को हुई थी. दरअसल, महाराष्ट्र में रामगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी कर दी थी. जिसको लेकर मुस्लिम समाज में गुस्सा है. उनके खिलाफ देश के कई राज्यों में मुस्लिमो ने विरोध जताया. इसी मामले को लेकर छतरपुर में मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. भीड़ थाने का घेराव कर एफआईआर की मांग कर रही थी. इतने में भीड़ की ओर से थाने पर पथराव किया गया था.

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