आंसू से भरी आंखें, गले मिलते ही मां भी रो पड़ीं, विनेश फोगाट की वापसी पर ऐसा रहा माहौल

कुछ दिनों पहले जब पूरा देश भावुक था, तब शायद ही किसी ने विनेश फोगाट का हाल देखा होगा. पेरिस ओलंपिक के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई किए जाने के बाद देश में हर कोई निराश था और दुखी था. विनेश भी रही होंगी लेकिन उनके आंसू किसी को नहीं दिखे थे. दिखा था तो सिर्फ वो चेहरा, जिसमें निराशा के बावजूद हल्की मुस्कान थी. अब पूरे देश ने भी आखिरकार विनेश के आंसू देख ही लिए. शनिवार 17 अगस्त की सुबह करीब 10:45 बजे नई दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर का पूरा माहौल भावुक हो गया, जब स्टार रेसलर विनेश फोगाट एयरपोर्ट से बाहर आईं. उनका शानदार स्वागत करने के लिए भारी भीड़ मौजूद थी लेकिन अपनों को देखकर जैसे ही विनेश के आंसू निकले, बाकी लोग भी भावुक हो गए.

पेरिस ओलंपिक में ठीक 10 दिन पहले मिली निराशा और फिर अगले एक हफ्ते तक लड़ी लड़ाई में विनेश फोगाट समेत पूरे देश को हार का सामना करना पड़ा था. सिर्फ 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें फाइनल ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट से डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. खेल की सबसे बड़ी अदालत CAS ने भी इन अजीबोगरीब नियमों को ही सही माना और विनेश की अपील को खारिज कर दिया और वो सिल्वर मेडल से चूक गईं. इसके बावजूद विनेश के देश लौटने पर पहले ही शानदार स्वागत की तैयारी कर ली गई थी.

मां और दोस्तों से मिलकर रो पड़ीं विनेश

पेरिस से वापस लौटने पर विनेश फोगाट का दिल्ली एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत हुआ. शायद ही विनेश ने भी ऐसी उम्मीद की होगी लेकिन उनका परिवार, उनके दोस्त, उनके गांववाले और उनके चाहने वालों की भारी भीड़ एयरपोर्ट के बाहर थी. साथ ही रोहतक से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहुंचे हुए थे, जो विनेश को एयरपोर्ट से बाहर लेकर आए. पहले से ही विनेश फोगाट के नाम के नारे लग रहे थे और ढोल बज रहे थे लेकिन विनेश के बाहर आते ही ये आवाज और तेज हो गई.

फिर जैसे ही विनेश को उनके संघर्ष के साथी बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक दिखे, जो पहले से ही उनके स्वागत के लिए मौजूद थे, वो उनसे लिपट गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं. साथ में विनेश की मां भी थीं और उन्होंने अपनी लाडली बेटी का चेहरा हाथों में लेकर उसे चूमा और वो भी रोने लगीं. यही पल था जब ढोल और नारों के जश्न और शोर के बीच भी एक खामोशी महसूस होने लगी क्योंकि पूरा माहौल एकदम भावुक हो गया था. साक्षी की आंखें भी आंसुओं से भर आईं, जबकि बजरंग ने अपने जज्बातों को किसी तरह काबू किया.

गांव के लिए निकला काफिला

विनेश काफी देर तक रोती रहीं और फिर उन्हें मर्सिडीज जी-वैगन में बैठाया गया और यहां उनके आंसू पूरे देश ने देखे. कुछ देर में ही हवा में विनेश के नाम का नारा गूंज उठा और स्टार रेसलर ने भी हाथ जोड़कर सबको धन्यवाद दिया.विनेश से हाथ मिलाने, उन्हें फूलमाला पहनाने के लिए हर कोई बेकरार था. कुछ इसमें सफल भी हुए और फिर धीरे-धीरे ये कार आगे बढ़ने लगी, जिसमें उनके साथ साक्षी, बजरंग और हुड्डा भी थे और गावं की ओर उनका काफिला निकल पड़ा.

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