कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) ने भारत के स्वतंत्रता दिवस से बस एक दिन पहले विनेश फोगाट की अपील को रद्द कर दिया. CAS के इस फैसले के साथ ही भारतीय फैंस की उम्मीदों पर पानी फिर गया. 3 घंटे की सुनवाई और काफी चिंतन करने के बाद खेल के सर्वोच्च न्यायालय ने UWW (United World Wrestling) और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के पक्ष को सही माना. इसका नतीजा ये रहा कि गोल्ड से चूकने के साथ ही उन्हें सिल्वर मेडल से भी हाथ धोना पड़ा. ऐसे में सवाल उठता है कि इतने बड़े मुकाबले के लिए विनेश फोगाट को महज 100 ग्राम की छूट क्यों नहीं मिली? आइये जानते हैं.
छूट नहीं मिलने के 2 बड़े कारण
पहले रेसलिंग में अलग-अलग वेट कैटेगरी के सारे बाउट्स एक ही दिन में खेले जाते थे. तब पहलवानों को वजन मेन्टेन करने में दिक्कत नहीं आती थी. 2017 में इसमें एक बड़ा बदलाव आया. रेसलिंग के सबसे बड़े संगठन UWW ने फैसला किया कि ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े इवेंट्स दो दिन में कराए जाएंगे. तभी से रेसलर्स को वजन मेन्टेन की समस्या आने लगी. इस नियम को लाने के पीछे व्यूअरशिप और तमाम अन्य माध्यम के जरिए पैसा कमाना एक बड़ा कारण था. वहीं UWW के अध्यक्ष नेनाड लालोविच विनेश फोगाट मामले के बाद नियम के पक्ष में अपने तर्क रखे थे.
मुताबिक, लालोविच ने भारतीय पहलवान के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा था कि 100 ग्राम छूट देना बड़ी बात नहीं है. फिर आपको 200 ग्राम भी छूट देना पड़ सकता है. छूट देने का कोई अंत नहीं है. वहीं ये दूसरे रेसलर्स के साथ भी अन्याय होगा. उन्होंने दूसरा कारण बताया था कि बहुत सारे पहलवान अपनी कैटेगरी छोड़कर दूसरे वेट कैटेगरी में खेलना पसंद कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें काफी वजन कम करना पड़ रहा है, जिसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.
लालोविच ने कहा कि रेसलर्स सिर्फ मौजूदा इवेंट को देख रहे हैं, आने वाले 20-30 साल को नहीं. संगठन चाहता है कि पहलवान अपने नेचुरल वेट कैटेगरी में खेलें, ताकि उन पर कोई असर ना हो. इसके अलावा वास्तविक कैटेगरी में खेलने से बेस्ट प्रदर्शन निकलकर सामने आता है. UWW के ये तर्क CAS में विनेश पर भारी पड़ गए.
क्या है विनेश का मामला?
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी हिस्सा लिया था और इसके फाइनल तक पहुंची थीं. फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वजन तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया. UWW के नियमों के मुताबिक, कोई भी रेसलर को अपने कैटेगरी से ज्यादा वजन पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है. इतना ही नहीं उसके बाउट्स मान्य नहीं होते और उसे अंतिम रखा जाता है. जीतने की स्थिति में होने के बावजूद भी उसे मेडल नहीं दिया जाता. विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ. बता दें, विनेश इससे पहले 53 किलोग्राम कैटेगरी में खेलती आई हैं.
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