बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर पीएम मोदी ने लाल किले से क्या बोला?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने लाल किले से 11वीं बार संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में बांग्लादेश हिंसा का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

पीएम मोदी ने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है. मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे. 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो.

‘पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें’

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें. शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं. आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं.

बांग्लादेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से कई हिंदू मंदिरों, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों में तोड़फोड़ हुई. बांग्लादेश की जनता नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ सड़क पर उतरी थी. शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद देश में अव्यवस्था का माहौल हो गया. लोगों के गुस्से के सामने शेख हसीना को झुकना पड़ा. उन्होंने देश छोड़कर भागना पड़ा.

संघ प्रमुख मोहन भागवत भी बोले

बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि वहां रहने वाले हिंदुओं को अकारण हिंसा का सामना करना पड़ रहा है और यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि उन्हें किसी भी तरह के अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े.

आरएसएस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद उन्होंने बांग्लादेश का नाम लिए बगैर कहा, हम अब स्थिति देख सकते हैं. पड़ोसी देश में काफी हिंसा हो रही है और वहां रहने वाले हिंदुओं को बिना किसी कारण के, इसका सामना करना पड़ रहा है.

आरएसएस प्रमुख ने कहा, दूसरों की मदद करना भारत की परंपरा रही है. हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, बल्कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद की, भले ही उनका हमारे साथ कैसा भी व्यवहार रहा हो.

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