केरल के वायनाड में आई आसमानी आफत में करीब 300 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो गई है. कई घर तबाह हो गए, तबाही के इस मंजर को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरने का काम किया है. विपक्ष का कहना है कि वायनाड की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए. कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी जो वायनाड के सांसद भी रहे वो लगातार इस मांग को उठा रहे हैं कि वायनाड की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए.
हालांकि, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत ऐसी कोई अवधारणा मौजूद नहीं है, जिसके चलते प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए.
2013 में भी उठी थी मांग
साल 2013 में जिस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय भी जब विपक्ष ने एक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाई थी तो उस समय के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा था कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है.
मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने अपने जवाब में कहा, भारत सरकार गंभीर आपदा का निर्णय मामले के आधार पर करती है, इसमें समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार की क्षमता को भी ध्यान में रखा जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि गंभीर प्रकृति आपदा के समय प्रक्रिया के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) (NDRF) से सहायता देने पर भी विचार किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर बचाव और राहत के लिए राज्य सरकारें मुख्य रूप से जिम्मेदार होती हैं.
बीजेपी ने किया पलटवार
इससे पहले भी जब विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया था तो बीजेपी ने उन्हें जवाब दिया था. विपक्ष लगातार बीजेपी को वायनाड की आपदा को राष्ट्रीय आपदा बनाने को लेकर घेर रहा था, जिसको लेकर बीजेपी के नेता वी मुरलीधरन ने मुल्लापल्ली रामचंद्रन का 2013 का संसद का यह बयान अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर भी किया था. वी मुरलीधरन ने कहा था, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत राष्ट्रीय आपदा की अवधारणा मौजूद नहीं है, यह तथ्य यूपीए सरकार के कार्यकाल से ही रहा है.
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