सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद के कमिश्नर सर्वे पर फिलहाल अंतरिम रोक आगे बढ़ा दी है, कोर्ट ने इस मामले के अध्ययन के बाद मुकदमे की सुनवाई की बात कही है. मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद को लेकर याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है.
मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में हाई कोर्ट ने मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था, जिसको शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले की सुनवाई की तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया है. इस मामले में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सुनवाई टाल दी है. कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सभी मुकदमे को योग्य बताया है.
18 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष की दलीलों को भी सुनी जाएगी और आदेश के अध्ययन के बाद ही आगे की सुनवाई की जाएगी. इस मामले की सुनवाई 18 नवंबर को होगा. इस रोक से पहले भी सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा चुकी है, उस रोक के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर अंतरिम रोक बरकरार रहेगी.
क्या है जमीन विवाद का मामला ?
मथुरा में चल रहा यह विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर है, जिसमें लगभग 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर और 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है. हिंदू पक्ष ने इस जमीन पर दावा करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद को बनवाया गया है. इस मस्जिद को औरंगजेब ने 1669-70 में बनवाया था. हिंदू पक्ष ने कहा कि औरंगजेब ने 1670 में मंदिर तुड़वाकर अवैध तरीके से कब्जा कर मस्जिद को बनाया था, वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इतिहास में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के सबूत नहीं हैं. तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है.
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