उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के एक स्कूल में ऐसी घटना हुई है, जिसे जानकर और सुनकर रोंगटे खड़े हो जाए. मानवीय संवेदनाओं को तार तार करने वाली घटना शहर के एक प्राइवेट स्कूल की है.इस स्कूल में पढ़ने वाले एक मासूम छात्र की उंगली गेट के चैनल में फंसकर कट गई थी. स्कूल प्रबंधन ने तत्काल इस बच्चे का इलाज कराने के बजाय उंगली को उठाकर कचरे में फेंक दिया. जानकारी होने पर बच्चे के परिजन उसे लेकर मेडिकल कॉलेज गए. जहां डॉक्टरों ने बच्चे का उपचार शुरू कर दिया गया है.
इस संबंध में परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ डीएम को शिकायत दी है. मामला देवरिया शहर के सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक विद्या मंदिर का है. इसी स्कूल में छठीं कक्षा में वासु तिवारी नामक छात्र पढ़ाई करता है. बीते शनिवार को वासु लंच के दौरान स्कूल भवन में खेलने लगा. इसी दौरान गेट पर चैनल में फंसने से उसकी उंगली कट गई. उंगली से खून का फब्बारा छूटने और दर्द होने वासु जोर जोर से रोने लगा. उसे रोता देखकर टीचर आदि मौके पर पहुंचे और वहां से उंगली उठाकर कचरे में फेंक दिया.
स्कूल पर लापरवाही का आरोप
वासु के परिजनों का आरोप है कि कटी हुई इस उंगली के हिस्से को ढूंढने में करीब 4 घंटे लग गए. इसके बाद वासु को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि बहुत देर हो चुकी है, अब उंगली जुड़ नहीं सकती. परिजनों के मुताबिक स्कूल प्रबंधन की इस लापरवाही की वजह से उनका बेटा हमेशा के लिए दिव्यांग हो गया है. परिजनों ने इस संबंध में डीएम से मिलकर न्याय की गुहार की है. वहीं डीएम ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
तुरंत दिया था प्राथमिक उपचार: स्कूल
वासु के पिता संजय तिवारी के मुताबिक उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी इस संबंध में शिकायत दी है. इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी शालनी श्रीवास्तव ने बताया कि वह खुद पूरे मामले की जांच कर रही हैं. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर, स्कूल प्रबंधन ने परिजनों के आरोप को खारिज किया है. बताया कि घटना के दिन स्कूल में मेडिकल कैंप लगा था. बच्चे को तत्काल प्राथमिक उपचार किया गया और इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
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