महिलाएं अपने कपड़ों को लेकर काफी ज्यादा परेशान रहती हैं. अमूमन, अगर आप किसी महिला से पूछेंगे कि अलमारी भर के कपड़े होने के बावजूद भी वह परेशान क्यों हैं तो अक्सर आपको ये जवाब मिलेगा कि मेरे पास तो पहनने के लिए कपड़े ही नहीं हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं या लड़कियां अपने पहनावे पर काफी ज्यादा ध्यान देती हैं. शायद इसलिए महिलाओं के कपड़ों में आपको सबसे ज्यादा वैरायटियां मिल जाएंगी. लेकिन आज रेडिमेड कपड़ों के चलन के बीच भी कई महिलाएं कपड़े दर्जी के यहां देने का पारंपरिक तरीका ही अपनाती हैं. शायद ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी सूट की फिटिंग का सही होना लड़कियों के लिए सांस लेने जितना जरूरी होता है.
आपको ये बात उनका बचपना लग सकती है लेकिन किसी लड़की के लिए उसके सूट की सही फिटिंग इतनी ही मायने रखती है, इसलिए अगर किसी दर्जी से कुछ ऊपर नीचे हो जाए तो अक्सर महिलाएं इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पातीं. ताजा मामला दिल्ली से सटे नोएडा से सामने आया. यहां की रहने वाली एक महिला ने अपने भतीजे की शादी में पहनने के लिए एक ब्लाउज और एक सूट सिलवाया था.
कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
महिला ने इन दोनों को एक बुटीक में सिलने के लिए दिया था. बुटीक संचालक ने महिला के द्वारा दिया गया ड्रेस का स्टाइल चेंज कर उसको गलत तरह से सिल दिया. बस फिर क्या था महिला और बुटीक संचालक की इस बात पर काफी बहस हो गई. महिला को शादी में कोई और ड्रेस पहन के जाना पड़ा. शादी से आने के बाद महिला ने बुटीक संचालक की शिकायत उपभोक्ता विभाग में कर दी. मामले पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए 11 महीने बाद अपना फैसला सुनाया. फैसला महिला के पक्ष में ही आया. आयोग ने बुटीक संचालक को महिला को 10 हजार रूपये छह फीसदी ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है.
गलत तरह से सिला था ब्लाउज
दरअसल, नोएडा की रहने वाली एक इंटीरियर डिजाइनर दीपिका दुबे ने नोएडा सेक्टर-121 में फरहान फैंसी बुटीक पर अगस्त 2023 में तीन ब्लाउज और एक सूट सिलाई के लिए दिए थे. इसके लिए महिला ने बुटीक संचालक को 5 हजार रूपये भी दिए थे. महिला का कहना है कि जब बुटीक संचालक ने उनकी ड्रेस सिलकर वापस दी तो उनके कपड़े का डिजाइन बिल्कुल भी वैसा नहीं था जैसा उन्होंने सिलने के लिए बुटीक में दिया था, और जब उन्होंने इस बारे में बुटीक के मालिक से सवाल पूछा तो उन्होंने कोई सही जवाब नहीं दिया जिसके बाद दीपिका ने मामले की शिकायत कर दी.
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