विवादित ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के एक और झूठ की होगी जांच…फेक साबित हो रही माता-पिता के तलाक की थ्योरी
ट्रेनी IAS पूजा खेडकर विवाद में एक-एक कर उनके झूठ की परतें खुलती जा रहीं हैं. इस पूरे मामले में रोजाना हो रहे खुलासों ने पूरे देश को हैरान कर दिया है. पूजा खेडकर के झूठ अब उन पर ही भारी पड़ रहे हैं. फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट के बाद अब उनके माता-पिता के तलाक के दावे की भी पुलिस जांच होगी.
पूजा खेडकर ने IAS बनने के लिए ना जाने कितने पैंतरे आज़माए. विकलांगता सर्टिफिकेट, अलग-अलग दस्तावेज में अलग-अलग जानकारी, माता-पिता के तलाक की थ्योरी, शून्य आय समेत ना जाने कितने झूठ पूजा ने बोले लेकिन आखिरकार उनके सारे दावों की हकीकत सामने आती जा रही है.
झूठी थी माता-पिता के तलाक की थ्योरी?
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने अपने निजी फायदे के लिए माता-पिता के तलाक होने की बात कही और उससे जुड़े दस्तावेज पेश किए. सरकार अब उनके इस दावे की भी जांच करवाएगी. दरअसल पूजा खेडकर ने MPSC को जानकारी दी थी कि उनके माता पिता का तलाक हो गया है, जबकि उनके पिता ने अपने चुनावी हलफनामे में मनोरमा खेडकर को अपनी पत्नी बताया था. ऐसे में इस मामले में भी पूजा की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रहीं हैं.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
पूजा खेडकर अलग-अलग मॉक इंटरव्यू में अपने माता पिता के तलाक और सेपरेट रहने की बात करती नज़र आई लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. पूजा खेडकर को लेकर उठे विवाद के बाद जब अलग-अलग मामलो में पुलिस की टीम पूजा और मनोरमा के घर पहुंची तो पता चला कि दिलीप खेडकर और मनोरमा खेडकर एक ही छत के नीचे एक ही घर में रहते हैं. ऐसे में तलाक की थ्योरी गलत साबित होती दिख रही है. पूजा ने माता-पिता के तलाकनामे से जुड़ा साल 2010 का कोर्ट का एक डॉक्यूमेंट फाइल किया था. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या सच में उसके पैरेंट्स का तलाक हुआ है या नहीं. या फिर परिवार ने जानबूझकर तलाक का फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाया जिससे परीक्षा में पूजा को फायदा मिल सके.
तलाक की थ्योरी से कैसे मिला फायदा?
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने पेरेंट्स के तलाक का दावा करके UPSC एग्जाम में OBC नॉन-क्रीमी लेयर का फायदा लिया. केंद्र सरकार ने पुणे पुलिस को आदेश दिया है कि पूजा खेडकर के माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी दें. पूजा खेडकर ने दिल्ली में अलग-अलग अकादमियों में दिए अपने मॉक इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि उनके परिवार की आय शून्य है. इस दावे का आधार था कि उनके माता-पिता तलाकशुदा हैं और वो अपनी मां के साथ रहती हैं.
पिता ने हलफनामे में मनोरमा को बताया था पत्नी
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमां चुके हैं. उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में बताया था कि मनोरमा खेडकर उनकी पत्नी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि पूजा खेडकर ने OBC कैटेगिरी में नॉन क्रीमी लेयर का फायदा उठाने के लिए झूठा दावा किया. पूजा ने जो दस्तावेज पेश किए उसके मुताबिक दिलीप खेडकर और मनोरमा खेडकर ने 2009 में पुणे की फैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दी और 25 जून 2010 को दोनों का तलाक़ हो गया. लेकिन दिलीप खेडकर का चुनावी हलफनामा कुछ अलग ही किस्सा बयां कर रहा है.
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