जूते मारकर बाहर निकालो…अलका लांबा और मधु शर्मा की तू-तू-मैं-मैं को लेकर कांग्रेस की रीति नीति पर उठ रहे सवाल

सिंगरौली: कांग्रेस में एक बार फिर फूट देखने को मिली है। जहां कांग्रेस विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और सिंगरौली जिले से आने वाली कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री मधु शर्मा का यह गुस्सा अपनी ही पार्टी की महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा पर फूटा है। मधु शर्मा ने अलका लांबा पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाए हैं, जिसके बाद से कांग्रेस के नेतृत्व और रीति नीति को लेकर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। बैठक में हुए बवाल के वायरल वीडियो को लेकर भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस में ऐसे ही महिलाओं का सम्मान होता है।

दरअसल, प्रदेश महासचिव की हैसियत से मधु शर्मा को होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए भोपाल बुलाया गया था लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें बैठक में शामिल होने से मना कर दिया गया, जिसके बाद कांग्रेस नेत्री का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। दरअसल, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा एमपी कांग्रेस की बैठक ले रही थीं। इसमें एमपी महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थीं। इस दौरान मधु शर्मा पहुंची तो विभा पटेल ने कहा कि इनका नाम बैठक की लिस्ट में नहीं है। इस पर मधू शर्मा ने पूछा कि हमारा नाम नहीं है क्या। इस पर प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि आप थोड़ी देर शांत रहिए। इस पर मधु शर्मा भड़क गई और उन्होंने कहा कि आपने ही पत्र जारी कर दो साल पहले मुझे महा मंत्री नियुक्ति किया था। आपकी दी हुई जिम्मेदारियों पर हमने काम किया है।

अब सूची में हमारा नाम नहीं है। इस पर अलका लांबा ने कह दिया कि यहां बहुत फर्जी पद दिए गए हैं। सूची में आपका नाम नहीं है आप बाहर जाइए। यह सुनते ही मधू शर्मा गुस्से से तिलमिला गई। उन्होंने कहा कि हमारी नियुक्ति फर्जी है तो जूता खाने के लिए मुझे यहां बुलाया। इस पर अलका लांबा ने कहा कि आप जूता खाने लायक ही हैं, इन्हें जूता मारकर बाहर निकालिए। बात यहीं खत्म नहीं हुए इस पर मधु शर्मा ने कहा कि आपकी छाती में दम है तो मारकर दिखाइए। आप अपने पिता की ही बेटी हैं तो मारकर दिखाएं। एक ब्राह्मण को और विंध्य की बेटी को आप दिखाइए जूता मारकर। अब देखने वाली बात यह है कि कांग्रेस नेत्री मधु शर्मा के आरोपों को भले ही कांग्रेस पार्टी गंभीरता से नहीं ले रही हो लेकिन मध्यप्रदेश कांग्रेस के मौजूदा हालात के लिए यह चिंता का विषय है।

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