इंसानों के वजूद के लिए पेड़ बहुत जरूरी है लेकिन कभी-कभी इन पेड़ों की वजह से महत्वपूर्ण योजनाएं भी रुक जाती है. दिल्ली में भी ऐसा ही कुछ देखने में आया है. जहां 372 करोड़ की लागत से एक फ्लाईओवर बनकर तैयार है लेकिन, बीच सड़क पर मौजूद पेड़ों की वजह से ये शुरू नहीं हो पा रहा है. पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार इलाके में लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए 6 लेन का 1.4 किलोमीटर लंबा आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर के बीच फ्लाईओवर बनाया गया है. फ्लाईओवर का काम 95% से ज़्यादा हो चुका है लेकिन इसके बावजूद फ्लाईओवर को आम लोगों के नहीं खोला जा रहा है. इसमें कुछ अलग तरह की अड़चनें सामने आ रही हैं.
ऐसा नहीं है कि फ्लाईओवर चालू ना होने के पीछे अधूरा निर्माण है बल्कि फ्लाईओवर के बीचों बीच खड़े ये पेड़ फ्लाईओवर के चालू होने में बांधा बने हुए हैं. 372 करोड़ की लागत से आनंद विहार और अप्सरा बॉर्डर के बीच 6 लेन के फ्लाईओवर के बीच कई पेड़ बीच रास्ते पर तन कर खड़े हैं. इस फ्लाईओवर का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने कराया है. पीडब्ल्यूडी ने फ्लाईओवर के लिए फंड तो दे दिया लेकिन बीच में आ रहे इन पेड़ों को यहां से हटाकर कहीं और ट्रांसप्लांट कराने के लिए वन विभाग से परमिशन नहीं ले पाया. यही वजह है कि तकरीबन पूरा बनकर तैयार हो चुके फ्लाईओवर का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है.
2019 से चल रहा काम
दिल्ली सरकार में इस फ्लाईओवर को बनाने की जरूरत और चर्चा 2019 में शुरू हुई. इसी बीच कोरोना के चलते लॉक डाउन लग गया. हालांकि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने 10 मई 2022 को हुई बैठक में इस फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 372 करोड़ की योजना को मंजूरी दे दी. उसी साल अक्टूबर 2022 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुल का शिलान्यास किया. उस वक्त तय हुआ था कि दिसंबर 2023 तक फ्लाईओवर को पूरा कर आम जनता के लिए चालू कर दिया जाएगा. लेकिन इस बीच आनंद विहार के रोड नंबर 56 को केंद्र सरकार द्वारा डीम्ड फॉरेस्ट घोषित कर दिया गया था. जिसकी वजह से फ्लाईओवर के लिए हटाए गए कुछ पेड़ों के लिए वन विभाग ने पीडब्ल्यूडी पर जुर्माना भी लगाया था. जुर्माना भरने के बाद ही दोबारा काम शुरू हो सका. जिसकी वजह से फ्लाईओवर की डेड लाइन अप्रैल 2024 कर दी गई थी.
वन विभाग डाल रहा अड़चनें
जानकारी के मुताबिक वन विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग के सामने फ्लाईओवर के काम को पूरा करने में अड़चन बन रहा है. 75 पेड़ों को यहां से हटाकर कहीं दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करने की इजाज़त मांगी है लेकिन अभी तक नहीं मिली है. जिसकी वजह से फ्लाईओवर ओवर को चालू करने की मियाद आगे बढ़ती ही जा रही है.
दिल्ली सरकार का दावा है कि इस फ्लाईओवर के चालू होने से गाजियाबाद, नोएडा, शाहदरा और दिलशाद गार्डन से दिल्ली जाने वाले लाखों लोगो को फायदा मिलेगा. लोगों को ना सिर्फ लंबे जांच से मुक्ति मिलेगी बल्कि 3 रेड लाइट सिग्नल हट जाने से उनका पैसा और समय भी बचेगा. सरकार का दावा है कि घंटों लगने वाले जाम की वजह से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी. लेकिन ये सभी दावे फिलहाल कागजों तक ही सीमित है.
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