NEET पेपर लीक केस में किंगपिन (सरगना) संजीव मुखिया नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है. अभी वो नालंदा के नूरसराय के एक कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर है और पिछले दो महीने से लापता है. उसने छुट्टी का आवेदन अपने पिता के हाथों भेजा था. दो नोटिस भेजने के बाद भी वो कॉलेज में ड्यूटी पर नहीं पहुंचा है. अब कॉलेज ने तीन दिन के अंदर उपस्थित होने का फाइनल नोटिस दिया है. इस बार भी अगर वो नहीं पहुंचा तो उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है.
बीते महीने ये जानकारी सामने आई थी कि संजीव खुद को सरकारी तंत्र से बचाने के लिए तरह-तरह के प्रपंच रच रहा है. उसने राजधानी पटना के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज में खुद को एडमिट होने की बात बताई थी. जबकि वो अस्पताल में भर्ती हुआ ही नहीं.
संजीव ने नूर सराय के एग्रीकल्चर इन्स्टिट्यूट में जानकारी दी थी कि वह पीएमसीएच में एडमिट है. इस बारे में जब अस्पताल से बात की गई तो अस्पताल प्रशासन ने इसको फर्जी बताया. संजीव बिहार के नालंदा का रहने वाला है. उसका जिले में दबदबा है. पत्नी ने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर हरनौत विधानसभा क्षेत्र से 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.
मुखिया के बेटे शिव कुमार (जिसने पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से एमबीबीएस किया है) को बिहार पुलिस ने दो मामलों में गिरफ्तार किया है. पहला इस साल की शुरुआत में उज्जैन से बीपीएससी टीआरई पेपर लीक और दूसरा 2017 एनईईटी-यूजी प्रश्न पत्र लीक को लेकर. शिव कुमार का नाम इस साल की शुरुआत में आयोजित यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के मामले में भी सामने आया था.
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