हिन्दू धर्म में अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है. इसके अलावा यह दिन तंत्र साधना के लिए ज्यादा महत्व रखता है. इस दिन पितरों का तर्पण और पिंड दान किया जाता है. साथ ही स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में सुख, समृद्धि और मंगल का आगमन होता है. इस दिन कालसर्प दोष और पितृ दोष का भी निवारण किया जाता है.
अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने और पितृ दोष से राहत पाने के लिए दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म बहुत ही आवश्यक होता है. इसलिए किसी गरीब को वस्त्र, फल आदि दान करें. वहीं, सूर्यास्त होने के बाद दक्षिण दिशा में सरसों के तेल में काला तिल डालकर दीपक जलाएं. इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करने से पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है और जीवन में आने वाले संकटों से छुटकारा मिलता है.
आषाढ़ अमावस्या पर करें ये उपाय
- आषाढ़ अमावस्या के दिन घर के ईशानकोण में घी का दीपक जलाएं. ध्यान रखें कि ये दीपक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक जलता रहे.
- माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए सुबह पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें.
- अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है.
- अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए इस दिन 108 बार तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करें.
- शाम के वक्त तिल के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और परिक्रमा भी करें.
- अपने घर की नकारात्मकता को दूर भागने के लिए पानी में नमक मिलाकर पोछा लगाएं या साफ-सफाई करें.
- अमावस्या के दिन घर की सुख-शांति को बनाए रखने के लिए गाय की सेवा करें. इस दिन पशुओं को भूलकर भी परेशान नहीं करना चाहिए.
अमावस्या पर दान का महत्व
सनातन धर्म में अमावस्या के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. इसके लिए आषाढ़ अमावस्या पर पूजा-पाठ, जप-तप करने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान-पुण्य करें. इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. आप चावल, नमक, गेंहू, दूध, दही, काले तिल,वस्त्र आदि चीजों का दान कर सकते हैं. इससे जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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