‘बाबा’ या ‘गुरुजी महाराज’… जब भी आप ये शब्द सुनते हैं, तो सबसे पहले आपके जेहन में एक बड़ा सा पंडाल, वहां बैठे लाखों भक्त और एक ऊंचे से मंच पर बैठकर प्रवचन करता एक शख्स ध्यान में आता है. उत्तर प्रदेश के हाथरस में भी ‘भोले बाबा’ के प्रवचन का कार्यक्रम ऐसा ही था, जहां भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है. हाल में देश के अंदर लाखों भक्तों की भीड़ जुटाने वाले ऐसे ‘बाबाओं’ या ‘गुरुजी महाराज’ का बोलबाला खूब बढ़ा है. लेकिन क्या आपको इससे जुड़े कारोबार का अंदाजा है. चलिए समझते हैं…
बाबाओं के सत्संग के कारोबार की इस कहानी का पहिया थोड़ा इतिहास में लेकर चलते हैं. सत्संग कराने वाले बाबाओं में सबसे बड़ा नाम जो नजर आता है, वो है ‘राधा स्वामी सत्संग ब्यास’ का. इसकी कहानी शुरू होती है 1891 में…
‘वनतारा’ जितने बड़े शहर का मालिक है ‘राधा स्वामी सत्संग ब्यास’
पंजाब के सांस्कृतिक गढ़ अमृतसर से करीब 45 किमी दूर जालंधर में ब्यास नदी के तट पर एक आश्रम है, जिसे ‘डेरा ब्यास’ भी कहा जाता है. ये आश्रम 1891 से यहां काम कर रहा है. इसकी आर्थिक ताकत का अंदाजा लगाना हो तो ये करीब 3,000 एकड़ में फैला है. ये इतना बड़ा एरिया है जितना बड़ा रिलायंस इंडस्ट्रीज का हाल में खुला ‘वनतारा’ प्रोजेक्ट.
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के इस 3000 एकड़ के ‘अपने शहर’ में करीब 1200 एकड़ में खेती होती है, 18,000 से ज्यादा लोग परमानेंट यहां रहते हैं. यहां एक शॉपिंग मॉल है. फ्लाइट के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए एक हवाई पट्टी है. वहीं 19.5 मेगावाट क्षमता का सोलर एनर्जी पार्क और 11.5 मेगावाट का रूफटॉप सोलर प्लांट है. दुनियाभर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास को मानने वाले भक्तों की संख्या करीब 30 लाख है, तो देशभर में 18-20 बहुत बड़े सत्संग स्थल हैं. वहीं करीब 5,000 अन्य सेंटर हैं. कुछ इसी तरह के हालात देश के अन्य ‘बाबा’ या ‘गुरुजी महाराज’ के भी हैं.
बाबाओं का विवादों से भी रहा है नाता
ऊपर जिन ‘राधा स्वामी सत्संग ब्यास’ का जिक्र किया गया है. इस संगठन के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का विवादों से नाता रहा है. रैनबैक्सी मामले में उनका नाम सामने आया था. लेकिन इस लिस्ट में वह इकलौते नहीं हैं. इनके अलावा गुजरात से आने वाले आसाराम बापू, हरियाणा से आने वाले बाबा राम रहीम और बाबा रामपाल पर यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं.
वहीं खुद को शिव का अवतार बताने वाले स्वामी नित्यानंद की भी कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति की सीडी वायरल हुई थीं. बाद में वह भारत से फरार हो गए और अब उनके खुद का एक ‘कैलासा’ नामक देश बसाने की खबरें हैं. वहीं हाथरस वाले भोले बाबा के ऊपर भी यौन शोषण से लेकर धोखाधड़ी के आरोप हैं.
आखिर कैसे होता है ‘सत्संग का कारोबार’?
‘सत्संग’ के इस कारोबार का गणित भी कमाल का है. धर्म की मजबूत ताकत और लाखों भक्तों का साथ होने की वजह से इन बाबा या गुरुजी महाराज को खूब दान-दक्षिणा मिलती है. वहीं इनके भक्तों में ज्यादातर संख्या समाज के निचले तबके से आने वाले लोगों की होती है. जहां गरीबी की मार झेल रही जनता को ये बाबा ढांढस बंधाने से लेकर घरेलू हिंसा से छुटकारा, शराब या गुटखे की आदत छुड़वाने जैसे प्रलोभन देते हैं. इसके बदले में लोग अपनी संपत्ति से लेकर सर्वस्व तक इन बाबाओं पर न्यौछावर कर देते हैं.
इनमें से अधिकतर बाबाओं के संगठन ‘नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन’ के तौर पर रजिस्टर्ड होते हैं. इनकी कमाई का मुख्य साधन भक्तों से मिलने वाला दान और कथावाचक या प्रवचन के लिए मिलने वाली फीस होती है. एक बार के प्रवचन की फीस कई लाख रुपए तक हो सकती है. नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन के नाम पर इन सभी को एक तरफ इनकम टैक्स से छूट मिल जाती है. वहीं भक्तों की ताकत के दम पर सस्ते दामों या दान के तौर पर कई एकड़ जमीन भी मिल जाती है. जहां कई तरह के कुटीर उद्योग चलते हैं.
YouTube से भी होती है भरपूर कमाई
अगर आपने बॉबी देओल की वेबसीरीज ‘आश्रम’ देखी होगी, तो आपको अंदाजा होगा कि वहां मिठाई बनाने से लेकर डेयरी, अगरबत्ती, परिधान, स्टेशनरी, किताब और आयुर्वेदिक दवाओं का उद्योग चलता है. ये बाबाओं के डेरे, सत्संग या आश्रमों की भी हकीकत है. मीडिया रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया गया है कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास में काम करने वालों को सालाना 2.5 से 3 लाख रुपए तक का पैकेज भी मिलता है.
अब नए जमाने में सोशल मीडिया और धार्मिक टीवी चैनलों का विस्तार होने से इन बाबा या गुरुजी महाराज की कमाई का एक साधन और बढ़ गया है. YouTube चैनल पर प्रवचन, Instagram या Facebook पर वीडियो डालने से भी इनकी खूब कमाई हो रही है.
अगर एक नजर डालें तो हाथरस दुर्घटना वाले भोले बाबा के नाम से बने एक YouTube पर 35 हजार सब्सक्राइबर हैं. ये आधिकारिक है या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. जबकि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री महाराज के चैनल के 83 लाख और भागवत कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के चैनल के 1.43 करोड़ सब्सक्राइबर हैं. बाबा राम रहीम के यूट्यूब चैनल पर करीब 13 लाख और संत रामपाल के 22 लाख, आसाराम बापू के चैनल के 5 लाख सब्सक्राइबर्स हैं.
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