जहरीली शराब के कारोबारियों का DMK सरकार से डॉयरेक्ट कनेक्शन… BJP का स्टालिन सरकार पर हमला

तमिलनाडु के कल्लकुरिची में हुई जहरीली शराब त्रासदी में लोगों की मौत पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि 53 तमिलियन लोगों के लाशों को जलते हुए देखकर आज शर्म और आक्रोश से सिर झुक जाता है. करुणा पुरम के दलित समुदाय के इन यूथ, बुजुर्ग लोगों की मौत के लिए राज्य की डीएमके सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. गैरकानूनी और जहरीली शराब से आम लोगों की मौत हुई है.

उन्होंने कहा कि इस मौत पर एक्शन लेने के बजाय राज्य की सरकार दोषियों को बचाने का प्रयास हो रही है. जहरीली शराब के इन कारोबारियों का सीधा संबंध डीएमके सरकार से है, जो लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं.

बता दें कि कल्लचुरिची में देशी अवैध शराब पीने से लोगों की हुई मौत के बाद कोहराम मचा हुआ है. बीजेपी लगातार स्टालिन सरकार पर हमला बोल रही है. इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने अवैध शराब के सेवन से प्रभावित लोगों की सही संख्या का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य उपनिदेशक के नेतृत्व में एक चिकित्सा दल का गठन किया है.

मद्रास हाईकोर्ट ने स्टालिन सरकार को लगाई फटकार

वहीं, तमिलनाडु सरकार को अवैध शराब त्रासदी के लिए फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि ये डीएमके स्पॉन्सर मर्डर है. उन्होंने सवाल किया कि क्या 10 लाख रुपया मुआवजा इन दलित समुदाय के लोगों के जीवन की कीमत है? उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में इंडिया एलायंस के सभी दलों ने चुप्पी क्यों साध रखी है? इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए और आबकारी मंत्री का इस्तीफा तुरंत होना चाहिए.

बीजेपी ने आबकारी मंत्री का मांगा इस्तीफा

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी ने कहा कि जहरीली शराब पीने से प्रभावित 253 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है, जबकि 53 की मौत हो चुकी है. वहां की स्थानीय जिलाधिकारी का ये कहना कि मौत संदिग्ध वजहों से हुआ मामले को छुपाने जैसा है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी आबकारी मंत्री मुत्तुस्वामी से तुरंत इस्तीफा देने की मांग करती है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पाया कि ज्यादातर लोग अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं.

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