हनुमना। जिले के हनुमना थाना पुलिस द्वारा एक हत्या की गुत्थी महज 3 घंटे में सुलझा ली गई है । पुलिस ने जहां आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है जहां से उसे जेल भेज दिया गया है आरोपित की पहचान राम जी कोल उर्फ ददौली पिता पन्नालाल कोल उम्र 40 वर्ष निवासी सागर कल के रूप में की गई है।
क्या थी घटना
घटना की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बताया कि सोमवार की सुबह फूलमती कोल पत्नी जगजीवन कोल उम्र 46 वर्ष थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि बीती रात राम जी ने उनके देवर लक्ष्ण धारी उर्फ राजू कोल उम्र 36 के साथ मारपीट की थी।
जिसके कारण उसकी आज सुबह मौत हो गई है। सूचना मिलने के साथ ही पुलिस ने न केवल 302 का अपराध पंजीकृत कर सबसे पहले आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए दो अलग अलग टीमों का गठन किया। देर दोपहर गांव से कुछ दूर स्थित सुनसान इलाके में दबिश देखकर पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध 302 का मामला पंजीकृत कर मांगे को विवेचना में लिया है। केंद्रीय जेल में दो कैदियों की मौत पर जेल प्रबंधन की सफाई बोले-हार्ट, बीपी और शुगर की थी बीमारी
केंद्रीय जेल रीवा के दो कैदियों की मौत
विगत दिनों 2 दिन के भीतर केंद्रीय जेल रीवा के दो कैदियों की मौत का मामला अब गरमाने लगा है। एक और जहां जिला दंडाधिकारी प्रतिभा पाल लेना केवल रात में केंद्रीय जल विभाग पहुंचकर निरीक्षण किया है बल्कि दूसरी और अब जेल प्रशासन अपनी सफाई दे रहा है।
जिसके बाद जेल के भीतर की व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह उठने लगे। बता दे कि एक बंदी की मौत गत शुक्रवार जबकि दूसरे बंदी की मौत गत शनिवार को हुई। हलांकि पूरे मामले में अब जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने सफाई दी है। उन्होंने बताया कि दोनों कैदी कई बीमारियों से ग्रसित थे।
दो दिनों के भीतर दो कैदियों की हुई मौत
दरअसल पूरा मामला सुर्खियों में तब आया जब गत शुक्रवार शाम एक बंदी की मौत हो गई। मामला तब और गरमा गया जब शनिवार को भी एक बंदी की मौत हो गई। शुक्रवार को हुई मौत के बाद बंदी के परिजनों ने जेल प्रशासन को मौत का जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही धरने पर अड़ गए।
उनका आरोप था कि हम तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे। जब तक हमें कोई उचित आश्वासन नहीं मिलता। प्रशासनिक अमले के मौके पर पहुंचने और न्यायिक जांच के अश्वासन के बाद मामला किसी तरह शांत हो पाया था । बता दे गढ़ निवासी सुधाकर सिंह पिता जनार्दन सिंह लगातार 2023 से 307 और अन्य धाराओं में केंद्रीय जेल रीवा में बंद था।
परिजनों ने लगाया था आरोप
मृतक के भाई प्रभाकर सिंह के मुताबिक सुधाकर की तबीयत बीते कुछ महीनों से खराब रहती थी। हार्ट की बीमारी के चलते तबीयत बिगड़ने पर उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि बंदी सुधाकर सिंह की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है।
हमने बार-बार कहा था कि उनकी तबीयत अब ठीक नहीं रहती। उन्हें अच्छे इलाज और देखभाल की जरूरत है। मौके पर धरना देने वाले पार्षद विनोद शर्मा ने कहा कि रीवा केंद्रीय जेल की हालत अंधेर नगरी चौपट राजा टके शेर भाजी टके शेर खा जा की तरह हो गई है।
हमने 7 घंटे इस बात को लेकर धरना दिया कि कैदी की मौत के बाद घंटों तक उसके हाथ में हथकड़ी क्यों लगाई गई। जेल के कैदियों को चंदा देना पड़ता है नहीं तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। हमने इसी बात का विरोध किया जिसके बाद कलेक्टर ने भी जिला जेल का निरीक्षण किया है।
दोनों कैदियों को थी हार्ट, बीपी-शुगर की बीमारी
वहीं केंद्रीय जेल में दो कैदियों की मौत पर जेल अधीक्षक एस के उपाध्याय का कहना है कि 31 मई और 1 जून को दो कैदियों की मौत हुई है। 30 तारीख को गढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले कैदी सुधाकर सिंह की शाम 5 बजे अचानक तबीयत खराब हुई। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उसे आईसीयू और फिर वेंटीलेटर में रख लिया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बंदी ब्लड प्रेशर और हार्ट का पेशेंट था। जिसे 1 सप्ताह पहले भी इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था।
अधीक्षक ने बताया कि दूसरे कैदी की मौत 1 जून को रात साढ़े 8 बजे हुई है। जो सीधी जिले के बहरी का रहने वाला था। पॉस्को एक्ट के जुर्म में वो आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जिसकी उम्र लगभग 68 साल थी। वो भी बीपी,शुगर का मरीज था। जिसे हार्ट की समस्या भी थी।
न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नियुक्त
दोनों कैदियों की जांच के लिए डी.जे. ने न्यायिक दंडाधिकारी को नियुक्त कर दिया है। दोनों कैदियों के मृत्यु की जांच की जाएगी। इसके अलावा मानवाधिकार आयोग,राज्य मानवाधिकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी मृत्यु के कारणों की जांच करता है।
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