प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई की. उसने इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड जो कि IRAL होल्डिंग कंपनी है उससे संबंधित 290 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की है. इंटरटेनमेंट सिटी लिमिटेड के तहत आने वाला नोएडा का मशहूर मॉल ग्रेट पैलेस ऑफ इंडिया भी इस शिकंजे के दायरे में आया है. जीआईपी मॉल के कुछ हिस्से को ईडी ने अटैच भी किया है. जीआईपी के अलावा ईडी ने रोहिणी के एडवेंचर आइलैंड पर भी कार्रवाई की है. रोहिणी स्थित एडवेंचर आइलैंड लिमिटेड 45,966 स्क्वायर फुट की कमर्शियल जगह पर बना है.
इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड (इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड (आईआरएएल) की होल्डिंग कंपनी) पर सेक्टर 29 और 52 में दुकानों/अन्य स्थान के आवंटन के वादे पर लगभग 1,500 निवेशकों से 400 करोड़ रुपये से अधिक इकट्ठा करने का आरोप है. नोएडा का जीआईपी मॉल करीब 3,93,737.28 स्क्वायर फुट की कमर्शियल जगह पर बना है. हर दिन बड़ी संख्या में लोग मॉल में घूमने और शॉपिंग करने पहुंचते हैं. ऐसे में ईडी की यह कार्रवाई किसी झटके से कम नहीं है.
झूठा वादा करके ठगा
जांच एजेंसी ने बताया कि इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड पर आरोप है कि उसने गुरुग्राम के सेक्टर 29 और 52 ए में दुकानें/अन्य स्थान आवंटित करने का वादा करके लगभग 1,500 निवेशकों से 400 करोड़ रुपये से अधिक इकट्टा किए.
हालाँकि, परियोजना को पूरा करने में “नाकाम” रही और समय सीमा चूक गई. यह भी आरोप लगाया गया कि निवेशकों को मासिक सुनिश्चित रिटर्न का भुगतान नहीं किया गया था. आरोप लगा है कि कंपनी ने निवेशकों का पैसा हड़प लिया और धन को संबंधित व्यक्तियों/संस्थाओं के पास जमा कर दिया, जिसका इस्तेमाल व्यक्तिगत फायदे के लिए किया गया.
समझौता कैसे किया गया था
ईडी ने आरोप लगाया गया है कि प्रवर्तक निदेशकों और EOD (खरीद इकाई) के बीच बैक-डेटेड समझौता किया गया था ताकि IRAL की बैलेंस शीट से बिजनेस एडवांस को खत्म किया जा सके. इसके जरिए बोर्ड से बाहर जाने वाले निदेशकों को IRAL के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से बचने में कामयाब हो गए.
ईडी ने आरोप लगाया है कि निवेशकों के धन को अन्य संबंधित संस्थाओं के साथ पार्क करने और फिर कंपनी को सस्ते मूल्यांकन पर बेचने और सभी से छुटकारा पाने के इरादे से 400 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई.
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