भीषण गर्मी से प्रयागराज ने 138 वर्षों का रेकॉर्ड तोड़ा है. शहर का तापमान बढ़कर 48.8 डिग्री पहुंच चुका है. इस चिलचिलाती गर्मी से इंसान ही नहीं बल्कि बेजुबान जानवर भी परेशान हैं. गर्मी का सबसे ज्यादा असर कुत्तों पर हो रहा है. आग बरसते इस मौसम में कुत्ते आक्रामक हो रहे हैं. शहर में कुत्ते काटने की घटनाए इतनी तेजी से बढ़ी है कि एंटी रेबीज के इंजेक्शन भी कम पड़ने लगे हैं.
नेशनल एंटी रैबीज कंट्रोल प्रोग्राम के आंकड़ों के अनुसार प्रयागराज में अकेले अप्रैल 2024 में 12,333 लोगों को कुत्तों ने काटा है. इस बार मई के महीने में यह आंकड़ा 16 हजार पार कर चुका है. यानी की शहर में प्रतिदिन पांच सौ से अधिक लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. जबकि मई में अभी तक लू लगने के 9 हजार से अधिक मामले सरकारी अस्पतालों में सामने आए हैं. जाहिर है गर्मी में लू के कहर कुत्तों के व्यवहार को बदल कर गुस्सैल बना रहा है.
एक साल में 1 लाख 42 हजार 80 लोगों को कुत्तों ने काटा
बीते साल की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक लाख 42 हजार 80 लोगों को कुत्तों ने दांत गड़ाए हैं. इनमें से 3832 पालतू व 8501 स्ट्रीट डॉग हैं. कुत्तों के व्यवहार में मौसम का असर बहुत तेजी से पड़ता है. विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादा सर्दी-गर्मी, बरसात व लू का मौसम कुत्तों के व्यवहार को प्रभावित करता है. सर्दी के समय कुत्ते उदास रहते हैं, लेकिन गर्मी आते ही आक्रामक हो जाते हैं.
गर्मी में ज्यादा परेशान होते हैं स्ट्रीट डॉग
डॉ. वरुन क्वात्रा बताते हैं कि गर्मियों के दिनों में कुत्तों में कोर्टिसोल हॉर्मोन तेजी से बढ़ता है. यह तनाव पैदा करने वाला हॉर्मोन है. इसके तेजी से बढ़ने से कुत्ते असामान्य व्यवहार करने लगते हैं, जिससे कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं. वह कहते हैं कि एक बात और सामने आई है कि पालतू कुत्तों की तुलना में स्ट्रीट डॉग गर्मी में ज्यादा परेशान होते हैं. क्योंकि, पालतू कुत्ते की देखभाल होती है, स्ट्रीट डॉग को गर्मी में परेशान होना पड़ता है, जिसकी वजह से वह आक्रामक होते हैं. प्रयागराज में 96 फीसदी कुत्ते काटने के मामले में स्ट्रीट डॉग्स के केस हैं.
नगर निगम शुरू करेगा ऑपरेशन डॉग
डॉग बाइट्स की तेजी से बढ़ती घटनाओं पर नगर निगम प्रयागराज ऑपरेशन डॉग चलाने जा रहा है. नगर निगम प्रयागराज के पशुधन कल्याण अधिकारी विजय अमृतराज का कहना है कि शहर में आवारा कुत्तों की संख्या 10 हजार से ऊपर पहुंच गई है. एनिमल बर्थ कंट्रोल सिस्टम भी काम कर रहा है, लेकिन इनकी संख्या अभी कम नहीं हो रही है. अब ऑपरेशन डॉग चलाने की योजना पर काम किया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत शहर के आवारा कुत्तों की नसबंदी का महा अभियान चलेगा.
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