इंदौर। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अक्षय बम और उनके पिता कांतिलाल बम को बुधवार को हाई कोर्ट से अग्रिम मिल गई। जिला कोर्ट ने दोनों पिता-पुत्र के खिलाफ 17 वर्ष पुराने जमीन विवाद मामले में हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद दोनों का गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था।
बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में हुई सुनवाई में बम की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 17 वर्ष पुरानी एफआइआर में गोली चलाने उल्लेख नहीं है। पुलिस को दिए बयान में भी फरियादी ने इसका कोई जिक्र नहीं किया है। तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने बम की याचिका स्वीकार करते हुए पिता-पुत्र को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया।
17 वर्ष पुराने मामले में अक्षय और उनके पिता कांतिलाल बम पर आरोप है कि जमीन विवाद में उनके कहने पर सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी ने फरियादी युनुस पटेल पर गोली चलाई थी।
पुलिस ने इस मामले में 323, 506 जैसे मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था, लेकिन 24 अप्रैल 2024 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने प्रकरण में हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने का आदेश दिया था।
पिता-पुत्र को 10 मई को सत्र न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन वे नहीं हो सके। इस पर कोर्ट ने उनका गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। बम ने वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर के माध्यम से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसे न्यायमूर्ति प्रेमनारायण सिंह ने बुधवार को स्वीकार कर लिया।
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