फीस वृद्धि और फर्जी किताब लगाने के खिलाफ एफआइआर कर 20 लोगों को किया गिरफ्तार, देखें स्‍कूल की लिस्‍ट

जबलपुर। जबलपुर में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बीते दिनों निजी स्कूलों के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी जिसके तहत निजी स्कूल ऑन के खिलाफ आम जनता से शिकायतें बुलवाई थी। फीस पुस्तक और ड्रेस के मामले में साठगांठ पर आम लोगों ने जिला प्रशासन को शिकायतें की थी। इसमें लगभग 250 शिकायतें हैं आम लोगों की तरफ से जिला प्रशासन को मिली थी इसमें जबलपुर के 75 स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। 22 लाख का स्कूलों पर जुर्माना लगाया। 30 दिनों के अंदर स्कूलों को बच्चों को अतिरिक्त बढ़ाई गई फीस बढ़ाई। जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि लगभग 50 से ज्यादा आरोपी बनाए गए हैं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 420, 409, 468 व 471 धारा के तहत कार्रवाई हुई है, जो गैर जमानती है।

इन स्कूलों पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ा दी थी मध्य प्रदेश मैं 2017 में निजी स्कूलों के संचालन के लिए एक अधिनियम पारित किया गया था इसके तहत कोई भी स्कूल बिना सुविधा बढ़ाये 10% तक से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती वहीं दूसरी तरफ इससे अधिक फीस बढ़ाने पर जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत होती है

धोखाधड़ी और कानून के उल्लंघन में मामला दर्ज

 

इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच की और जबलपुर के इन स्कूलों ने बिना नियम के अपनी फीस में बढ़ोतरी कर दी] जबलपुर जिला प्रशासन ने क्राइम ब्रांच की मदद लेकर जबलपुर के इन स्कूलों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 और आईएसबीएन नंबर के कानून का उल्लंघन करने के आप में धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है l

 

11 स्कूल संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया

 

क्राइस्ट चर्च सालीवाड़ा, ज्ञान गंगा ऑर्किड स्कूल, स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल वार्ड स्कूल, चेतन्य स्कूल, सेंट अलयसियस स्कूल सालीवाड़ा, सेट अलोसियायस पोलीपाथर, सेट अलोसियस सदर, क्राइस्टचर्च isc घमापुर,चेतन्य टेक्नो स्कूल, क्राइस्ट चर्च बॉय स्‍कूल।

 

21000 बच्चों से ज्यादा फीस वसूली

 

1037 निजी स्कूल जबलपुर में 240 करोड़ रुपये की कुल अतिरिक्त फीस वसूली गई। प्रिंटिंग कॉस्ट क्या है और प्रिंटिंग कॉस्ट के बाद उसे पर जो एमआरपी 70% 80% 90% दर्ज है। फ्री की किताब को महंगे दामों में बेचा। 9.93 किलो का बस्ता है। किताबों में लगभग 4 करोड़ से ज्यादा का कमीशन खाया कि जरा स्कूलों में 1907 किताबें हैं इनमें से 64% किताबें नहीं लगाई गई 89 प्रतिशत किताबें फर्जी हैं फर्ची आइएसबीएन नंबर वाली किताबें लगभग 100 करोड़ पुस्तक और स्टेशनरी पर कमीशन।

 

फीस यदि वापस कर देते हैं तभी जांच से बच जाएंगे

 

जिला प्रशासन का कहना है कि जो गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाई है वह फीस यदि वापस कर देते हैं तभी जांच से बच जाएंगे, इसी तरीके से किताबों की मोनोपोली खत्म करके ऐसे सरल कर लें तो प्रशासन इन लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.