हिंदू धर्म में हर महीने पड़ने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व होता है. इस दिन दुर्गा माता की विशेष आराधना की जाती है. इसके साथ ही चालीसा, आरती और मंत्रों का जाप भी करते हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर सच्चे मन से इस दिन दुर्गा माता की पूजा-अर्चना की जाए. तो घर में माता की कृपा होती है और घर में सुख शांति बनी रहती है.
शुभ तिथि
पंचांग के अनुसार, वैशाख मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि 15 मई को सुबह 4 बजकर 19 मिनट से शुरू हो गई है. जिसका समापन 16 मई को सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर होगा. इसलिए मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का पारण 16 मई को सूर्योदय के बाद ही किया जाएगा. तभी लोगों को इस व्रत का पुण्य फल मिलेगा.
ये हैं मासिक दुर्गाष्टमी के मंत्र
मासिक दुर्गाष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा का एक विशेष अवसर है. इस दिन इन मंत्रों का जाप करने से देवी प्रसन्न होती हैं और सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
यह मंत्र देवी दुर्गा के सभी स्वरूपों की स्तुति करता है. इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है.
2. ॐ दुर्गा देवी नमः
यह मंत्र देवी दुर्गा का सरल मंत्र है. इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और भय का नाश होता है.
3. र्ग ऋणहर्त्री दुर्गे देवी नमः
यह मंत्र देवी दुर्गा को कर्ज दूर करने वाली देवी के रूप में स्तुति करता है. इस मंत्र का जाप करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है.
4. ॐ शांति शांति शांति
यह मंत्र शांति का मंत्र है. इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति प्राप्त होती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं.
5. ॐ दुर्गा दुर्गा दुर्गे स्वाहा
यह मंत्र देवी दुर्गा की शक्ति का आह्वान करता है. इस मंत्र का जाप करने से शक्ति और साहस प्राप्त होता है.
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत पारण विधि
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखने वाले भक्त अगले दिन यानी नवमी तिथि को व्रत का पारण करें. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थान को साफ करें और देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठ जाएं. दीप जलाएं और धूप अर्पित करें. गायत्री मंत्र या दुर्गा मंत्र का जाप करें. फिर, फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद थोड़ा प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें. अंत में ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन दान करें.
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. देवी दुर्गा को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है. मां दुर्गा को लक्ष्मी जी का भी स्वरूप माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. दुर्गा माता को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और खुशहाली बनी रहती है. इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
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