दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच कर रही है. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि आपने ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. जिसके जवाब में केजरीवाल के वकील एमएम सिंघवी ने कहा है कि वो जमानत के लिए नहीं है.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है वो दो नोटिस के खिलाफ है. जिस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि आपने जमानत ते लिए कोई याचिका क्यों नहीं दायर की. सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील दी कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी ही गैरकानूनी है. कोर्ट में अभी भी दोनों पक्षों की ओर से दलील रखी जा रही है.
सिंघवी ने कहा कि पिछले महीने 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई. आखिर क्या जरूरत थी गिरफ्तारी की, जबकि ईसीआर अगस्त 2022 में दायर की गई थी. आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि सीएम को गिरफ्तार करना पड़ा. सिंघवी ने कहा कि इस दौरान सीबीआई ने तीन चार्जशीट भी दाखिल कर दी.
जस्टिस खन्ना ने पूछा सीबीआई मामले में अभी तक आपका नाम नहीं आया? जिसके जवाब में सिंघवी ने कहा की नहीं. फिर जस्टिस खन्ना ने कहा कि बाद में आपको नामित करते हुए ईसीआईआर दायर की गई है? इसके जवाब में सिंघवी ने कहा की नहीं, दिसंबर, 2023 तक 10 दस्तावेजों (सीबीआई आरोपपत्र और ईडी अभियोजन शिकायत सहित) में केजरीवाल का नाम नहीं था. ईडी द्वारा विश्वसनीय गवाहों के (धारा 50 पीएमएलए) बयानों के आधार पर कदम उठाया गया.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि क्या गिरफ्तारी के कारणों पर बहस करना आपके लिए उचित नहीं होगा? सिंघवी ने कहा कि ये दलील उसी की ओर है. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप इसे भूल जाएं और एक सामान्य आपराधिक मामला लें. मान लीजिए कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अदालत में पेश किया जाता है. पुलिस हिरासत के लिए आवेदन दिया गया. वे हिरासत के लिए आधार देते हैं. कोर्ट ने कस्टडी देने का फैसला किया.
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