मध्य प्रदेश को महाकाल की नगरी कहा जाता है, यह प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिए विश्व विख्यात है. खजुराहो के मंदिर की पूरी दुनिया में बहुत मान्यता हैं इन मंदिरों में आज भी पूजा अर्चना की जाती है. इसके साथ खजुराहो में स्थित एक रहस्यमयी मंदिर में हर साल एक ऐसी घटना घटती है जिसका आज तक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए है.
विश्व का जीवित शिवलिंग
मध्यप्रदेश के खजुराहो में मतंगेश्वर मंदिर का रहस्य बहुत ही अनोखा और आश्चर्यचकित करने वाला है, इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को एकमात्र जीवित शिवलिंग माना जाता है क्योकि इस शिवलिंग की ऊंचाई हर साल बढ़ती है. यह शिवलिंग जितना उपर की ओर उठता है उतना ही धरती के अंदर भी बढ़ता है वर्तमान काल में इस इस शिवलिंग की लंबाई लगभग 9 फीट तक हो चुकी है, कहा जाता है कि हर साल कार्तिक महीने की शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग की लंबाई तिल के आकार के बराबर बढ़ती जाती है. इस तथ्य की पुष्टि के लिए शिवलिंग की लंबाई को पर्यटन विभाग के कर्मचारी नापते हैं, जिसके बाद हर बार लंबाई पहले से कुछ ज्यादा मिलती है.
प्रसिद्ध है पौराणिक कथा
पौराणिक काथ के अनुसार, भगवान शंकर के पास मरकत मणि थी, जिसे भगवान शिव ने पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर को दे दिया था. इसके बाद युधिष्ठिर के पास से वह मणि मतंग ऋषि को मिल गई और उन्होंने राजा हर्षवर्मन को दे दी. मतंग ऋषि की मणि के कारण से ही इनका नाम मतंगेश्वर महादेव पड़ा, बता दें कि 18 फीट के शिवलिंग के बीच मणि सुरक्षा की दृष्टि से जमीन में गाड़ दी गई थी. इसके बाद कहा जाता है कि, तब से लेकर आज तक मणि शिवलिंग के नीचे ही स्थित है. इस मणि की प्रचंड शक्ति के कारण ही यह शिवलिंग हर साल एक जीवित मानव की तरह बढ़ता है, जिस कारण इसे जीवित शिवलिंग भी कहा जाता है.
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