लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में भी वोटिंग का पहले फेज जैसा ही हाल दिखा. दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर 61 फीसदी वोटिंग हुई. त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 80.32 फीसदी वोटिंग हुई. पहले चरण में करीब 64 फीसदी वोटिंग हुई थी. साल 2019 की तुलना में इस बार दूसरे चरण में मतदान का प्रतिशत कम देखा गया. दरअसल, इस साल कई राज्यों में वोटिंग पर तेज गर्मी का असर देखा गया.
इसके कारण मतदान कम हुआ. साल 2019 में 67 फीसदी वोटिंग हुई थी. पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण में 13 राज्यों की 95 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी. बता दें कि इस तरह 190 लोकसभा सीटों पर मतदान खत्म हो चुका है. पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर मतदान हुआ था.
राज्य | 2019 का वोटिंग % | 2024 का वोटिंग % |
मणिपुर | 84.14 | 77.32 |
त्रिपुरा | 82.90 | 80.32 |
असम | 81.28 | 71.11 |
पश्चिम बंगाल | 80.66 | 71.84 |
छत्तीसगढ़ | 75.12 | 73.62 |
केरल | 77.84 | 65.91 |
जम्मू-कश्मीर | 72.50 | 72 |
कर्नाटक | 68.96 | 69.00 |
राजस्थान | 68.42 | 59.97 |
राजस्थान | 68.42 | 64.07 |
मध्य प्रदेश | 67.67 | 57.88 |
बिहार | 62.93 | 55.08 |
महाराष्ट्र | 62.81 | 57.83 |
उत्तर प्रदेश | 62.18 | 54.85 |
नोट- आंकड़े रात 8 बजे तक के हैं.
तीसरे चरण में 94 सीटों पर मतदान
वहीं, अब तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा. इस चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 94 सीट के लिए वोटिंग होगी. दूसरे चरण की वोटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा कि एनडीए को मिल रहा भारी समर्थन विपक्ष के लिए निराशा पैदा करने वाला है. उधर, बीजेपी के दूसरे दिग्गज नेताओं ने भी दावा किया है कि अभी तक के मतदान से जो रुझान मिल रहे हैं वो बीजेपी की जीत के संकेत हैं.
दूसरे चरण में किन राज्यों की कितनी सीटों पर मतदान?
केरल की सभी 20 सीट, कर्नाटक की 28 में से 14 सीट, राजस्थान की 13 सीट, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की आठ-आठ सीट, मध्य प्रदेश की छह सीट, असम और बिहार की पांच-पांच सीट, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तीन-तीन सीट तथा मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीट पर शुक्रवार को मतदान हुआ था. बता दें कि इस चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बड़े बहुमत के लिए प्रयासरत है. वहीं, INDIA गठबंधन के घटक दल 2014 और 2019 के चुनाव में हार के बाद फिर से सत्ता में लौटने के लिए मशक्कत कर रहे हैं.
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