गर्मी का मौसम में न केवल बाहर का टेंपरेचर बढ़ता है बल्कि इसकी वजह से शरीर के अंदर का तापमान भी बढ़ जाता है. इस मौसम में जो लोग ज्यादा तला या मसाले वाला खाना खाते हैं, उनके लिए गर्मी का मौसम और ज्यादा परेशानी भरा हो सकता है. गर्मियों में लंबे समय तक बाहर रहने से लू यानी हीट स्ट्रोक लगने का खतरा ज्यादा होता है.
गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ. पंकज वर्मा का कहते हैं कि इसे हीट इंजरी के नाम से भी जाना जाता है. ये एक मेडिकल इमरजेंसी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि जब हमारी बॉडी लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहती है, जो वह ज्यादा गर्म हो जाती है. इसकी वजह चक्कर या डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है. लेकिन इससे बचने के लिए तैयारी पहले से ही होनी चाहिए. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं.
शरीर का डिहाइड्रेट होना
डॉ. पंकज वर्मा बताते हैं किगर्मियों में सनस्ट्रोक यानी लू लगने की समस्या काफी साधारण है. जब गर्म हवा के झोंके चलते हैं और तापमान बहुत अधिक होता है, तब आपको लू लग सकती है. इसके चलते हमारे शरीर के अंदर का तरल पदार्थ सूखने लग जाता है, जिससे सोडियम और पानी की मात्रा में कमी आ जाती है. लू लगने के कारण आपको हीट एडेमा (शरीर का सूजना), हीट रैश, हीट क्रैम्प्स (शरीर में अकड़न) और हीट साइनकॉप (बेहोशी) आदि भी होने की संभावना रहती है.
तो बचाव के तरीके क्या हैं
लू से बचाव के लिए कोशिश करें कि जब गर्मी अपने चरम पर हो तब अनावश्यक बाहर न निकलें। धूप में छतरी लेकर ही निकलें. आंखों पर सनग्लासेज और सिर पर कैप लगाएं.ढीले और सूती कपड़े पहने. शरीर को हाइड्रेटेड रखने नींबू पानी, छाछ, लस्सी, नारियल पानी या बेल का शर्बत पी सकते हैं. इसके अलावा, ग्लूकोज या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स को पिएं.
एक्सपर्ट के मुताबिक, अपने खान-पान का भी ध्यान रखें. डाइट में कीवी, तरबूज और खीरे जैसी चीजों को शामिल करें. इससे आपकी बॉडी में नेचुरल तरीके से पानी की कमी होगी.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.