भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मैदान संभालेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया स्वयं चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए अभी वे अपने चुनाव पर फोकस करेंगे। जबकि, कमल नाथ महाकोशल, विवेक तन्खा बुंदेलखंड, अरुण यादव और उमंग सिंघार मालवांचल, अजय सिंह विंध्य और डा.गोविंद सिंह ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटों को देखेंगे।
उधर, भाजपा ने भी वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतार दिया है। प्रदेश को सात क्लस्टर में बांटकर उसके प्रभारी बनाए गए हैं। ग्वालियर-चंबल में भूपेंद्र सिंह, महाकोशल में कैलाश विजयवर्गीय, बुंदेलखंड में डा.नरोत्तम मिश्रा, विंध्य में प्रहलाद सिंह पटेल, मालवांचल में जगदीश देवड़ा और विश्वास सारंग के साथ मध्य भारत अंचल में राजेंद्र शुक्ल मोर्चा संभालेंगे।
भारतीय जनता पार्टी जहां प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है तो कांग्रेस के सामने अपना वजूद बनाए रखने की चुनौती है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने रणनीति के तहत उन सीटों पर फोकस किया है जहां विधानसभा चुनाव में उसे मतदाताओं का सहारा मिला था। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की महाकोशल अंचल में पकड़ है इसलिए उन्हें इसी अंचल की सीटों पर सक्रिय होने के लिए कहा गया है। वे विधानसभा चुनाव के बाद से छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में ही सक्रिय हैं। दो बार सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। यहां से उनके बेटे नकुल नाथ चुनाव लड़ रहे हैं। बैतूल, बालाघाट और जबलपुर में कमल नाथ समर्थक बड़ी संख्या में हैं।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का विंध्य में प्रभाव है। इसे देखते हुए उन्हें रीवा, सीधी, सतना समेत आसपास की सीटों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। चूंकि, अरुण यादव अब चुनाव नहीं लड़ रहे हैं इसलिए उन्हें मालवा और निमाड़ के क्षेत्र में सक्रिय किया जा रहा है तो उमंग सिंघार मालवांचल की आदिवासी सीटों पर काम करेंगे। दोनों का यहां जनाधार है।
विवेक तन्खा को सागर संभाग और डा.गोविंद सिंह को ग्वालियर-चंबल अंचल पर ध्यान देने के लिए कहा है। डा.सिंह मुरैना से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। ग्वालियर और भिंड क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता भी है। इसके साथ ही पार्टी ने सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं। उधर, भाजपा ने सभी 29 सीटों को जीतने के लिए प्रदेश को सात क्लस्टर में बांटकर वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी है।
प्रबंधन कौशल में माहिर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को ग्वालियर-चंबल अंचल का प्रभारी बनाया है। वे विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के भरोसेमंद हैं। तोमर की रणनीति को जमीन पर उतारने का काम भूपेंद्र सिंह ही करेंगे। उल्लेखनीय है कि मुरैना, ग्वालियर और भिंड लोकसभा क्षेत्र से तोमर समर्थकों को प्रत्याशी बनाया गया है।
कैलाश विजयवर्गीय को महाकोशल की जिम्मेदारी
महाकोशल अंचल की जिम्मेदारी संगठन कौशल और चुनाव प्रबंधन में माहिर कैलाश विजयवर्गीय को दी गई है। वे कांग्रेस के अभेद गढ़ छिंदवाड़ा को भेदने के लिए दो-तीन बार दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस के कई नेताओं का दलबदल उनके मार्गदर्शन में हुआ तो वे अब बूथ प्रबंधन की जमावट में जुटे हैं। खजुराहो समेत बुंदेलखंड क्षेत्र की अन्य सीटों का जिम्मा डा.नरोत्तम मिश्रा को दिया है तो विंध्य में प्रहलाद सिंह पटेल, मालवांचल में जगदीश देवड़ा और विश्वास सारंग के साथ मध्य भारत अंचल में राजेंद्र शुक्ल मोर्चा संभालेंगे।
पूर्व सीएम शिवराज को ये जिम्मेदारी
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय क्षेत्र में स्वयं के लिए प्रचार करने के साथ अलग-अलग सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में सभाएं करने के लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव पहले चरण के नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दूसरे चरण में शामिल सीटों पर जाएंगे। सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में आने वाली लोकसभा सीटों पर ध्यान देेने के लिए कहा गया है।
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