दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महोत्सव जारी है और 4 जून को आम चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही समाप्त होगा. होली का त्योहार बीतने के बाद यह और परवान चढ़ता जाएगा. इस बीच चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिले चंदे की खूब चर्चा हो रही है. हालांकि, चुनावी बॉन्ड के अलावा और माध्यमों से भी पार्टियों को चंदा मिलता है. आइए जानते हैं कि वर्तमान में किन प्रमुख पार्टियों के पास कितना पैसा है. कौन सबसे अमीर है और किस प्रमुख पार्टी के पास सबसे कम धन है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से 29 फरवरी 2024 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर 3,077 करोड़ रुपए की कुल आय थी. इनमें से सबसे ज्यादा आय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हुई. इस दौरान भाजपा के पास लगभग 2,361 करोड़ रुपए थे.
भाजपा से काफी पीछे है दूसरी रैंक वाली कांग्रेस
चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की ओर से सौंपे गए रिकॉर्ड के आधार पर एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कांग्रेस ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 452.375 करोड़ रुपए की कुल आय दिखाई है. सभी राजनीतिक दलों की कुल आय में इसका दूसरा स्थान है. भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक दलों बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट में अपनी आय का खुलासा किया है.
भाजपा की आय बढ़ी तो कांग्रेस की घट गई
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की आय में वृद्धि देखी गई. यह वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान भाजपा की कुल आय से करीब 23.15 फीसदी ज्यादा है. 2022-23 में भाजपा की कुल आय 2,360.844 करोड़ रुपए थी, जबकि इससे पहले की समान अवधि में इसके पास 1917.12 करोड़ रुपए थे. साल 2022-23 में भाजपा ने अपनी कुल आय में से 57.68 प्रतिशत यानी करीब 1,361.84 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे. वहीं, 2022-23 में कांग्रेस का कुल खर्च इसकी कुल आय यानी 453.375 करोड़ रुपए से 3.26 फीसदी ज्यादा रहा और इसने 467.135 करोड़ रुपए खर्च किए थे. कांग्रेस की आय में वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 के दौरान 16.42 फीसदी की कमी भी देखने को मिली.
एनपीपी की इनकम 1500 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ी
राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा प्राप्त पूर्वोत्तर की एकमात्र पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी एनपीपी की आय में इस दौरान उल्लेखनीय तरीके से 1502.12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसकी वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 77.562 करोड़ रुपए की आय हुई. यह रकम इससे पहले के वित्तीय वर्ष यानी 2021-22 में 4.87 करोड़ रुपए थी. इसी तरह से अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को 85.17 करोड़ रुपए मिले, जबकि इसका खर्च आय के मुकाबले 19.82 फीसदी ज्यादा यानी 102.051 करोड़ रुपए रहा. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की कुल आय 141.661 करोड़ थी और इसने इसका 74.87 फीसदी यानी करीब 106.067 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे.
बसपा को 20 हजार से ज्यादा चंदा ही नहीं मिला
वहीं देश की छठवीं राष्ट्रीय पार्टी बहुजन समाज पार्टी की घोषणा के अनुसार, इसे 2022-23 में 20 हजार रुपए से अधिक की कोई रकम मिली ही नहीं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में बहुजन समाज पार्टी की आय में 33.14 फीसदी यानी 14.508 करोड़ रुपए की गिरावट देखने को मिली. बताते चलें कि राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए या इससे अधिक मिलने वाली रकम का खुलासा करना.
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