दिल्ली में रहने वाले महेश अपने घर पर अकेले थे, तभी उनके फोन की घंटी बजी. उन्हें एक वीडियो कॉल आया. कॉल करने वाले ने पुलिस वाले की वर्दी पहनी हुई थी. उसने खुद को दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर बताया. उसने महेश को बताया कि उनका बेटा रवि एक रोड एक्सीडेंट में पकड़ा गया है, और जमानत के लिए 50,000 रुपये लगेंगे.
महेश अपने बेटे की चिंता में डर गए और घबरा गए. कॉल करने वाले ने उनकी परेशानी का फायदा उठाया और उन्हें जल्दी से पैसे भेजने के लिए कहा. उसने महेश को एक UPI ID भी दिया. महेश ने बिना सोचे समझे UPI ID पर 50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए. जैसे ही उन्होंने पैसे भेजे कॉल करने वाला गायब हो गया.
कुछ समय बाद जब रवि घर लौटा, तो महेश ने उसे पूरा मामला बताया. रवि ने तुरंत इस बात की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने जांच की और पता लगाया कि कॉल करने वाला कोई पुलिस वाला नहीं था, बल्कि डीपफेक टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करके फर्जी वीडियो कॉल बनाने वाला साइबर क्रिमिनल था.
पुलिस बनकर फेक वीडियो कॉल
पुलिस बनकर फर्जी वीडियो कॉल करने वाले कई मामले सामने आ चुके हैं. ठगी का यह सारा खेल डीपफेक एआई टेक्नोलॉजी के जरिए अंजाम दिया जाता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में डीपफेक एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की आवाज और चेहरे को किसी दूसरे वीडियो में जोड़ने के लिए किया जाता है. यह टेक्नोलॉजी धोखाधड़ी और ठगी के लिए इस्तेमाल की जाती है.
डीपफेक वीडियो से धोखाधड़ी
मान लीजिए महेश जैसी वीडियो कॉल आपके पास आए तो आप क्या करेंगे? अचानक आने वाली कॉल या वीडियो कॉल पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए. यह वक्त एडवांस होती टेक्नोलॉजी का है. इसलिए आपकी भावनाओं की आड़ में कोई भी आपका फायदा उठा सकता है. इसलिए हमेशा अलर्ट रहना जरूरी है, ताकि खुद को और फैमिली को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाया जा सके.
डीपफेक वीडियो कॉल आए तो क्या करें?
अगर आपके पास पुलिस की वीडियो कॉल आती है तो एकदम विश्वास ना करें. अगर कॉलर बेटे या फैमिली के किसी भी मेंबर के जेल में होने की बात करता है, बेटे या जो फैमिली मेंबर है उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश करें. उनसे कंफर्म करें कि उनके साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ है. अगर बात हो जाती है तो स्कैमर का खेल का तुरंत ही भंडाफोड़ हो जाएगा.
- वीडियो कॉल में बात कर रहा कथित पुलिस वाला जमानत आदि की बहाने पैसे ट्रांसफर करने की डिमांड करता है तो तुरंत सावधान हो जाना चाहिए.
- यह सबसे बड़ा संकेत है कि ये वीडियो कॉल फर्जी है, और आपको फंसाने की साजिश है. अगर फैमिली मेंबर से संपर्क नहीं होता है तो पैसे ट्रांसफर करने के बजाय पुलिस स्टेशन जाकर तहकीकात करें.
- वीडियो कॉल का सबूत लेने के लिए कॉल का स्क्रीनशॉट लें. कॉलर से बात करते हुए पुलिस स्टेशन आदि समेत जितनी जानकारी निकाली जा सके उतनी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करें.
- नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर फर्जी वीडियो कॉल की शिकायत दर्ज कराएं. इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन की वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन शिकायत करें.
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