उज्जैन । उज्जैन -बदनावर फोरलेन सड़क परियोजना अंतर्गत पुल का निर्माण किया जाना है। पुल पर मंगलवार को भारी भरकम गर्डर चढ़ाने का काम हुआ। जान माल की कोई हानि न हो, इसके मद्देनजर महावीर तपोभूमि के समीप इंदौर रोड फोरलेन का एक मार्ग बंद कर दिया गया। इससे दूसरे मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से आवाजाही प्रभावित हुई।
मालूम हो कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) 907 करोड़ रुपये से उज्जैन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-752-डी में 69.10 किलोमीटर लंबा उज्जैन-बदनावर फोरलेन सड़क का निर्माण करवा रहा है। निर्माण अक्टूबर 2022 में शुरू हुआ था।
जून तक प्रोजेक्ट पूरा कराने का दावा है। फोरलेन उज्जैन के सात गांवों ( मेंडिया, चांदमुख, चिंतामण जवासिया, गंगेड़ी, मंगरोला, पिपलिया राघाै व रत्नाखेड़ी) से होकर गुजरेगा। इस रोड से, इंदौर रोड की सीधी कनेक्टिविटी होगी। इंदौर से आने वाले वाहन चालक इस रास्ते से कम समय में बड़नगर या बदनावर आ-जा सकेंगे। उन्हें शहर आने की आवश्यकता नहीं हाेगी। फोरलेन मार्ग बनने से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि तेज होंगी।
आसपास की जमीन पर स्कूल-कालेज, होटल-रेस्त्रां, फार्म हाउस, वेयर हाउस, पेट्रोल पंप आदि खुलेंगे। महाकुंभ सिंहस्थ के दरमियान सड़क पर यातायात दबाव कम करने में ये मार्ग काफी लाभदायक सिद्ध होगा। फोरलेन निर्माण के लिए 3.262 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित हुई है। गौरतलब है कि फोरलेन सड़क का शिलान्यास फरवरी- 2022 में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। उन्होंने 6247 करोड़ रुपये से बनने वाली 534 किलोमीटर लंबी 11 सड़कों का शिलान्यास किया था।
स्टेट हाइवे नंबर- 59 उज्जैन- इंदौर फोरलेन सड़क मार्ग को सिक्सलेन में बदलने का काम भी अगले कुछ महीने में शुरू हो जाएगा। ऐसे में जब तक मार्ग नहीं बन जाता एक मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव बनने की स्थिति आगे भी कई बार निर्मित होगी। फिलहाल मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने कंस्ट्रक्शन कंपनियों से निविदा (टेंडर) प्रस्ताव आमंत्रित किया है। टेंडर प्रस्ताव जमा करने की आखिरी तारीख 15 अप्रैल 2024 है। लेख है कि 46.475 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाने में सरकार 735 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
चयनित फर्म को रोड का निर्माण पेव्ड शोल्डर के साथ दो वर्ष में करना होगा। सिक्स लेन बनने से रोड पर यातायात का दबाव कम होगा और महाकुंभ सिंहस्थ- 2028 की स्थिति में यह काफी उपयोगी साबित होगा। मार्ग में सड़क सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे और सभी जंक्शन का सुधार कराया जाएगा। सिक्सलेन सड़क इंदौर में स्थित अरविंदो अस्पताल के सामने से उज्जैन में स्थित हरिफाटक पुल तक बनाई जाएगी।
योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 1.35 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। जमीन अधिग्रहण पर 21 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्य सड़क डामर की बनाई जाएगी। आबादी क्षेत्र में क्षेत्रीय रहवासियों के सुरक्षित आवागमन के लिए अलग से सीमेंट-कांक्रीट की एप्रोच रोड बनाई जाएगी। मार्ग में 8 फ्लायओवर, 70 कलवर्ट बाक्स बनाए जाएंगे। रोड प्लान इस तरह से किया है कि दुर्घटना की गुंजाइश शून्य हो।
यह भी ज्ञात रहे कि बीते वर्ष 2023 सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना उज्जैन-इंदौर रोड पर ही हुई। यातायात पुलिस की एक रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक 226 दुर्घटना में 210 लोग घायल हुए और 22 की मृत्यु हुई। आवश्यकता आउटर रिंग रोड़ बनाने की भी है। ऐसा रिंग रोड जिसमें राजस्थान जाने वाले यात्री शहर में घूसे बिना ही सीधे झालावाड़ रोड के रास्ते राजस्थान जा सके।
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