राष्ट्र चंडिका न्यूज़ ,सिवनी,शहर तथा अन्य शहरों में संचालित प्राइवेट कॉलेज ने अपने प्रचार-प्रसार के लिए नायाब तरीका निकाला है। इससे उन्हें बिना खर्च किए ही बेहतरीन प्रचार मिल रहा है। इस तरह से विज्ञापनों ने इमारतों की सुंदरता अलग खराब हो रही है। हालांकि अवैध तौर पर सरकारी संपत्ति पर विज्ञापन पर पूर्ण रोक लगाई हुई। बावजूद इसके आदेशों की परवाह करें बिना सरकारी संपत्ति से निजी कमाई हो रही है
सिवनी केअधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी संपत्तियों पर इस समय विज्ञापनों की भरमार है। विज्ञापनों के प्रचार-प्रसार को लेकर प्राइवेट कॉलेज की होड़ लगी हुई है। जो प्रशासनिक भवनों, सरकारी स्कूलों की दीवारों, सार्वजनिक स्थलों की दीवारों पर विज्ञापन के रूप में देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही शहर में कई जगह पेड़ों पर भी होर्डिंग टंगे हुए देखे जा सकते हैं। प्राइवेट कॉलेज ने अपने उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए निजी भवनों व होर्डिंग्स पर रुपये खर्च करने की बजाए सीधे सरकारी भवनों की दीवारों को प्रचार करने का माध्यम बना लिया है। शहर की सरकारी संपत्तियों पर इस समय विज्ञापनों की भरमार है। विज्ञापनों के प्रचार-प्रसार को लेकर निजी कंपनियों की होड़ लगी हुई है। जो प्रशासनिक भवनों, सरकारी स्कूलों की दीवारों, सार्वजनिक स्थलों की दीवारों पर विज्ञापन के रूप में देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही शहर में कई जगह पेड़ों पर भी होर्डिंग टंगे हुए देखे जा सकते हैं। प्राइवेट कॉलेज ने अपने उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए निजी भवनों व होर्डिंग्स पर रुपये खर्च करने की बजाए सीधे सरकारी भवनों की दीवारों को प्रचार करने का माध्यम बना लिया है।है।
विज्ञापन लगाने वालों में सम्बन्धिता विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का कोई खौफ तक नहीं है, इसमें कुछ ऐसे विज्ञापन भी लगे हुए हैं जिनसे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। उसके बाद भी न तो स्कूल प्रशासन को इससे कोई लेना देना है,सम्बन्धिता विभाग के अधिकारियों को।