मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ को लेकर अटकलों का दौर जारी है. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. कमलनाथ के आवास पर सांसद सज्जन वर्मा सहित कुछ लोगों की दो घंटे की बैठक चली. सज्जन वर्मा का कहना है कि कमलनाथ ने कांग्रेस नहीं छोड़ रहे. उन्होंने बताया कि कमलनाथ ने खुद मीटिंग में इस बात को कहा है.
सज्जन वर्मा की मानें तो कमलनाथ ने मीटिंग में साफ तौर पे कहा है कि वो कल भी कांग्रेसी थे, वो आज भी कांग्रेसी हैं और वो ताउम्र कांग्रेस में रहेंगे. कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद जरूर था लेकिन मनभेद नहीं है. अब सब सुलझ गया है और वो कांग्रेस को छोड़कर कहीं कहीं नहीं जाएंगे. ऐसे में नकुलनाथ को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थीं, उस पर भी उन्होंने बयान देते हुए कहा कि जब पिता नहीं जाएगा तो बेटा कहां जाएगा कांग्रेस छोड़ के.
उन्होंने आगे कहा कि जाने का सवाल ही नहीं उठता, जिस आदमी ने कांग्रेस के साथ 40 साल बिताए हैं, वो ऐसे पार्टी छोड़कर जा ही नहीं सकते. वह बहुत जल्दी भोपाल जाकर लोकसभा की तैयारी करेंगे. नुकलनाथ भी कहीं नहीं जाएंगे, वो छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. सज्जन वर्मा का कहना है कि कमलनाथ ने कहा है कि वो मीडिया से बात नहीं करेंगे, कहा, मैं अफवाह का जवाब देने नहीं जाऊंगा, पता नहीं कहां से ये अफवाह उठी है.
बता दें, कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने को लेकर सियासत गर्म है. रविवार को भी पूरे दिन कमलनाथ को लेकर सस्पेंस बना रहा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच बातचीत भी हुई. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ कांग्रेस में रुके रहें, बेटा नकुल बीजेपी जाए, जिसने ट्विटर बायो से कांग्रेस हटाया, वो कांग्रेस को मंजूर नहीं. हालांकि कांग्रेस ये नहीं चाहती कि कमलनाथ को बीजेपी में जाने दिया जाए, जिससे खराब संदेश जाए.
कांग्रेस को एहसास है कि गांधी परिवार से रिश्तों के बावजूद दिग्गज कमलनाथ के जाने से डैमेज होगा, इसलिए दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला है और कमलनाथ से बात की. उसके बाद कमलनाथ की नाराजगी दूर करते हुए राहुल गांधी से कमलनाथ का संपर्क कराया गया. कांग्रेस का कमलनाथ को साफ संदेश है कि ऐसा नहीं हो सकता कि पिता कांग्रेस में और बेटा समर्थकों के साथ बीजेपी में रहे. सूत्रों का ये भी कहना है कि कमलनाथ परिवार को लेकर बीजेपी ने ऑपरेशन कमल नहीं चलाया.
राज्यसभा सीट नहीं मिलने से कमलनाथ नाखुश
सोनिया गांधी से बात करने के बाद भी राज्यसभा की सीट नहीं मिलने से कमलनाथ परिवार नाखुश हुआ. कमलनाथ ने सोनिया को कहा था कि ये आखिरी चीज मैं मांग रहा हूं. इसके 6 साल बाद मैं 85 साल का हो जाऊंगा और रिटायर हो जाऊंगा. दरअसल, कमलनाथ को लगता है कि वो खुद तो लोकसभा लड़कर छिंदवाड़ा जीत लेंगे, लेकिन नकुलनाथ को लेकर संदेश है. इसलिए वो राज्यसभा सीट उसी तर्ज पर चाहते थे जैसे सोनिया ने ली और वो राज्यसभा सांसद बनकर सक्रिय रहें और नकुल का प्रचार करें. उधर, सिख दंगों का मामला सामने आने से बीजेपी भी कमलनाथ को लेकर असहज है, वो बेटे पर दांव लगाना चाहते हैं. ऐसे में कांग्रेस में निष्क्रिय कमलनाथ और बेटा नकुल बीजेपी में वाली थ्योरी कांग्रेस आलाकमान मानने के हक में नहीं है.
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