पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की सख्ती के बाद पेटीएम के शेयर तीन कारोबारी सत्रों में 42 फीसदी टूट चुके हैं। हालांकि, मंगलवार को कंपनी के शेयर में पांच फीसदी तक उछाल देखने को मिला। इस तेजी के बावजूद कंपनी और उसके निवेशकों पर संकट बना हुआ है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कामकाज में अनियमितताएं दुरुस्त करने की आरबीआई की चेतावनी की लगातार अनदेखी करने वाली पेटीएम के शेयरों में 11 लाख रिटेल निवेशक और 514 विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) का पैसा फंसा हुआ है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड की 97 योजनाओं के जरिए भी निवेशकों की गाढ़ी कमाई फंसी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में पेटीएम में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़कर 4.99 फीसदी पहुंच गई। विदेशी निवेशकों का हिस्सा 2.80 फीसदी बढ़कर 63.27 फीसदी पहुंच गया। वहीं, 2 लाख रुपए तक की होल्डिंग वाले छोटे निवेशकों की होल्डिंग 4.57 फीसदी बढ़कर 12.85 फीसदी हो गई।
किन्होंने किया है सबसे ज्यादा निवेश?
टॉप एफआईआई इंवेस्टर्स में बीएनपी पारिबा आर्बिट्रेज और कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड शामिल हैं। इनके पास पेटीएम में 1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। मिराए म्यूचुअल फंड शेयर में शीर्ष निवेशक था। दिसंबर तिमाही के अंत में संकटग्रस्त फिनटेक में इसकी 2.51 फीसदी हिस्सेदारी थी। निप्पॉन म्यूचुअल फंड के पास भी पेटीएम में 1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी थी। कम से कम 6 म्यूचुअल फंड स्कीमें थीं जिनका पेटीएम में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का एक्सपोजर था।
ईडी ने RBI से मांगी रिपोर्ट
प्रवर्तन निदेशालय और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने आरबीआई से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर की गई सख्ती के मामले में रिपोर्ट मांगी है। एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि पेटीएम में मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। एजेंसियां पेटीएम के अलावा अन्य पेमेंट गेटवे कंपनियों की भी जांच कर रही हैं, जिनमें चीन के नियंत्रण वाली कंपनियों की हिस्सेदारी है।
RBI अधिकारियों से मिले सीईओ
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने आरबीआई के अधिकारियों से मुलाकात की है। इस मुलाकात में नियामक की चिंताओं को दूर करने पर चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा, पेटीएम ने प्रतिबंध की 29 फरवरी की समय सीमा आगे बढ़ाने की मांग की है।
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