हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस दिन भोलेनाथ के भैरव स्वरूप की पूजा का विधान है. शास्त्रों में भैरव बाबा के तीन रूप बताए गए हैं जो कि काल भैरव, बटुक भैरव, और रुरु भैरव. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन काल भैरव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और मनचाही इच्छाओं की भी पूर्ति होती है. मान्यता है कि काल भैरव की उपासना करने से सभी प्रकार के भय, नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं से छुटकारा मिल सकता है. साथ ही तंत्र-मंत्र की सिद्धि भी प्राप्त होती है. काल भैरव की पूजा निशिता मूहूर्त में की जाती है.
ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने बुरी शक्तियों को मार भगाने के लिए रौद्र अवतार धारण किया था. इस दिन पूजन करने और व्रत रखने वाले जातकों पर तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता है. काल भैरव की पूजा से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. इस दिन सच्चे मन से काल भैरव की आराधना करने से पुराने रोगों भी दूर होते हैं. अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए कालाष्टमी से लेकर 40 दिनों तक काल भैरव का दर्शन करने की मान्यता है.
कब है माघ महीने की कालाष्टमी?
पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि का 2 फरवरी को शाम 4 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी जो कि 3 फरवरी को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगी. काल भैरव की पूजा करने के लिए निशिता काल सबसे शुभ माना जाता है. इस प्रकार पर माघ माह की कालाष्टमी का व्रत 2 फरवरी को ही रखा जाएगा.
माघ माह कालाष्टमी शुभ मुहूर्त
जो लोग कालाष्टमी का व्रत 2 फरवरी को रखेंगे. वह काल भैरव की पूजा निशिता काल में कर सकते हैं. निशिता काल का समय रात 12:08 मिनट से लेकर 1:01 मिनट तक है. जो लोग दिन में पूजा करना चाहते हैं, वे सूर्योदय के बाद किसी भी समय काल भैरव कर सकते हैं. कालाष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त 2 फरवरी की दोपहर 12:13 मिनट से लेकर 12:57 मिनट तक रहेगा.
कालाष्टमी व्रत के लाभ
धार्मिक मान्यता के मुताबिक कालाष्टमी व्रत करने से शत्रु बाधा, ग्रह दोष और व्यक्ति की अकाल मृत्यु का खतरा दूर सकता है. किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा जरूर करनी चाहिए. इस दिन ॐ कालभैरवाय नम: का जप और काल भैरवाष्टक का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से शनि और राहु के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं. साथ ही भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं. काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है, ऐसे में इस दिन काल भैरव की उपासना करने से हर तरह की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है.
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