पूजा -पाठ में शंख का इस्तेमाल बहुत शुभ माना जाता है, कोई भी धार्मिक या मांगलिक अनुष्ठान हो सभी की शुरुआत शंख बजाने के साथ ही की जाती है. बिना शंख के पूजा अधूरी मानी जाती है. बहुत से लोग अपने घर के मंदिर में भी शंख रखना पसंद करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, घर में कितने शंख रखने चाहिए, क्या एक शंख ही पर्याप्त है या एक से ज्यादा शंख रखने चाहिए और कौन सा शंख पूजा के लिए शुभ होता है. आइए विस्तार से जानते हैं.
कितने शंख होने चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार घर के मंदिर में या पूजा स्थान में पूजा के लिए एक ही शंख रखा होना चाहिए और दूसरा शंख घर में पूजा में बजाने के लिए होना चाहिए, जिसे मंदिर में पूजा के लिए नहीं रखना चाहिए. क्योंकि शंख बजाते समय मुख से लगाना पड़ता है, जिस कारण वो दूषित हो जाता है इसलिए पूजा घर में रखे शंख को बजाना नही चाहिए, पूजा में बजाने के लिए दूसरे शंख का उपयोग करना चाहिए. इसलिए घर में 2 शंख रखने चाहिए. एक शंख मंदिर में पूजा के लिए और दूसरा शंख पूजा के समय बजाने के लिए.
वास्तु दोष से बचने का उपाय
पूजा वाले शंख में रात के समय पानी भरकर रखें और सुबह के समय इस पानी का छिड़काव पूरे घर में करें. माना जाता है ऐसा करने से वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है.
इस शंख से करें घर में पूजा
मान्यताओं के अनुसार, पूजा करने के लिए दक्षिणावर्ती शंख का ही उपयोग करना चाहिए. माना जाता है दक्षिणावर्ती शंख साक्षात लक्ष्मी का रूप होता है और इसे पूजा में उपयोग करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है जिससे घर में सुख शांति और समृद्धि आती है. इसलिए इस शंख को पूजा के लिए बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है.
लाल रंग कपड़े से ढक कर रखें शंख
धामिक मान्यताओं के अनुसार, जिस शंख को आपने पूजा के लिए मंदिर में रखा है, उस पर परिवार से बाहर के लोगों की नजरें नहीं पड़नी चाहिए. इसलिए हमेशा शंख को लाल रंग के स्वच्छ कपड़े से ढक कर रखें. माना जाता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में धन और वैभव बने रहते हैं.
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