समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने गुरूवार कहा कि अक्टूबर 1990 में अदालत के आदेश का पालन करने और संविधान की रक्षा करने के लिए तत्कालीन सपा सरकार के राज में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई गई थी। यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाये जाने को जायज ठहराते हुए कहा, “देखिए, संविधान की रक्षा की गई थी। अदालत के आदेश का पालन हुआ था।”
शिवपाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इस घटना को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी के लोग तो केवल झूठ बोलते हैं। बताइए अदालत के आदेश का पालन हुआ था या नहीं? संविधान की रक्षा हुई थी। वहां पर जब अदालत का स्थगन आदेश था, यथा स्थिति बनाए रखनी थी तो वहां पर जो विवादित ढांचा था, जो बाबरी मस्जिद थी, उसे जब इन लोगों ने तोड़ा था तो वहां के प्रशासन की जिम्मेदारी थी कि वह अदालत के आदेश के अनुरूप यथास्थिति बनाए रखे।”
यादव ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “उस वक्त संविधान का उल्लंघन किसने किया था? किसने अदालत के आदेश का उल्लंघन किया था? उनके खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए थी।” उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में कर्फ्यू के दौरान जबरन बाबरी मस्जिद के नजदीक स्थित हनुमानगढ़ी जा रहे कारसेवकों पर प्रशासन द्वारा गोलियां चलवाई गई थीं, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हुई थी।
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