इंदौर। क्षिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर इंदौर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है, जिसके चलते प्रशासन ने कान्ह और सरस्वती नदी में बगैर ट्रीट किया हुआ सीवरेज का पानी छोड़ने वाली 9 फैक्ट्रियों की विद्युत सप्लाई बंद कर दी है।
कलेक्टर ने की थी बैठक
गौरतलब है कि कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को सिटी बस कार्यालय के सभाकक्ष में नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला उद्योग केंद्र, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने इंदौर की नदियों और नालों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्य नीति तैयार करने पर चर्चा की थी। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों को ऐसे उद्योग जो अपशिष्ट पदार्थ और सीवेज को बिना उपचार सीधे नदी और नालों में प्रवाहित कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे।
बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि नदी और नालों को 2028 तक प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए इंदौर में एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। यह एक्शन प्लान दो भागों में बांटा जाएगा, जिसमें एक दीर्घकालीन कार्य नीति होगी तथा एक अल्पकालीन कार्य नीति होगी। उन्होंने नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह को भी निर्देश दिए थे कि नमामि गंगे एवं अमृत 2.0 योजना अंतर्गत प्रस्तावित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के साथ ही शहर में ऐसे अन्य नाले भी चिन्हांकित किए जाएं जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत है।
ग्राम पंचायतों के लिए बनाई है ये योजना
बता दे कि इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में क्षिप्रा और कान्ह नदी के किनारे 62 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों में 119 कम्युनिटी लीच पिट और 49 ग्रेवल फिल्टर लगाए जाएंगे ताकि नदी एवं नालों को प्रदूषण मुक्त बनाया जाए। इसमें प्रत्येक ग्राम के लिए अलग कार्य नीति बनाई जाएगी।
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