ने कांग्रेस को दिल्ली में दी 3 सीट, लगे हाथ गुजरात, हरियाणा व गोवा में रख दी डिमांड

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस का साथी दलों के साथ मंथन जारी है। बिहार में आरजेडी के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ मीटिंग हुई। अब मंगलवार को महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ बात होगी।

दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को 4 सीट देने का प्रस्ताव रखा है। इस पर अभी कांग्रेस का रुख साफ नहीं हुआ है।

वहीं आम आदमी पार्टी ने लगे हाथ हरियाणा, गुजरात और गोवा के लिए भी अपनी मांग कांग्रेस के सामने रख दी है। नई दुनिया के सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में एक सीट और गोवा एवं गुजरात में कुछ सीटों की मांग रखी है।

 

सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए अगले कुछ दिनों में दूसरे दौर की बैठक होगी। दिल्ली में पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर कांग्रेस ने 4 सीटों की मांग की है, लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि विधानसभा के बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी उसका प्रदर्शन शानदार रहा है, इसलिए उसे चार सीट मिलना चाहिए। माना जा रहा है कि इस फार्मूले पर सहमति बन सकती है।

क्या पंजाब में होगा AAP और कांग्रेस का गठबंधन

पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुकाबले कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है और ऐसे में राज्य इकाई के विरोध के चलते तालमेल की गुंजाइश नहीं है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी की एक सीट की मांग पूरा करना भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं है।

Seat Sharing: आज महाविकास अघाड़ी के साथ बैठक

  1. कांग्रेस ने 20 जनवरी से पहले सीटों के बंटवारा खत्म करने का फैसला किया है। यही कारण है कि सहयोगी दलों के साथ एक के बाद एक बैठक हो रही है।
  2. मंगलवार को कांग्रेस की गठबंधन समिति के संयोजक मुकुल वासनिक के घर से अशोक गहलोत, सलमान खुर्शीद समेत अन्य नेता मुंबई में महाविकास अघाड़ी के नेताओं से बात करेंगे।

कांग्रेस के टालू रवैये से टूट रहा जदयू का धैर्य

इस बीच, बिहार से खबर है कि कांग्रेस के टालमटोल वाले रवैये से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू खुश नहीं है। जदयू नेताओं की यह नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है।

अनावश्यक देरी के लिए जदयू ने कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा है कि भाजपा की बढ़ी हुई तैयारियां हमें चितित करती हैं। कांग्रेस के प्रति तल्ख बयानों के साथ ही जदयू अपनी एकतरफा तैयारी भी करते दिख रहा है।

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