बुरहानपुर । शहर की सड़कों पर घूमते श्वान और प्रतिबंधित चाइना मांझे से उड़ाई जा रही पतंगें आम नागरिकों के साथ ही भटक कर शहरी सीमा में आने वाले वन्य प्राणियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। सोमवार को दोनों से जुड़ी दो घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से एक घटना में अर्वाचीन स्कूल के पास श्वानों ने घेर कर एक चीतल को बुरी तरह नोच लिया। रात्रि गश्त से लौट रहे पुलिस कर्मियों ने किसी तरह उसे श्वानों से बचाया और वन विभाग को सूचना देकर पशु चिकित्सालय भेजा, लेकिन इलाज के दौरान चीतल ने दम तोड़ दिया। वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया है।
दूसरी घटना राजस्थानी भवन के पास घटी है। जिसमें एक जंगली उल्लू चाइना मांझे से गंभीर रूप से घायल हो गया है। उसे भी स्थानीय नागरिकों ने पशु चिकित्सालय पहुंचाया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। लालबाग वन चौकी प्रभारी योगेश सावकारे के मुताबिक उल्लू की देखभाल के लिए कर्मचारी लगाए गए हैं। जल्द ही उसके स्वस्थ हो जा जाने की उम्मीद है। इसके बाद उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा। बता दें कि सड़कों पर विचरण करने वाले श्वानों और चाइना मांझे से शहर के कई नागरिक घायल हो चुके हैं। बावजूद इसके अब तक न तो नगर निगम श्वानों को पकड़ने कोई अभियान शुरू कर पाया और न ही प्रशासन चाइना मांझे की बिक्री रोक पाया है।
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