सूर्यदेव को प्रसन्न करना है तो रविवार को चंदन तिलक जरूर लगाएं, ये उपाय भी देंगे जीवन में सुख समृद्धि

शुद्ध जल तांबे के पात्र में लेकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और ‘ओम सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को जल्द स्नान करना चाहिए।
  1. कुंडली में सूर्य देव कमजोर स्थिति में है तो ऐसे लोगों को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  2. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को दिन काफी ज्यादा शुभ होता है।
  3. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को सभी ग्रहों का स्वामी माना जाता है। ऐसे में यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य देव कमजोर स्थिति में है तो ऐसे लोगों को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को दिन काफी ज्यादा शुभ होता है और इस दिन ये उपाय करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

रविवार को करें इस मंत्र का जाप

सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को जल्द स्नान करना चाहिए। इसके बाद शुद्ध जल तांबे के पात्र में लेकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और ‘ओम सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव जल्द ही आपकी मनोकामना पूरी करते हैं।

 

रविवार को लगाएं चंदन तिलक

रविवार को मस्तक पर चंदन तिलक लगाना शुभ होता है। घर से बाहर निकलते समय चंदन तिलक लगाना शुभ होता है। ऐसा करने से सभी जरूरी कार्य सफल होते हैं। रविवार को लाल रंग का कपड़ा पहनना शुभ होता है।

रविवार को करें इन चीजों का दान

हिन्दू धर्म में देसी घी को बहुत पवित्र माना जाता है। रविवार को घर के बाहर देसी घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। धन और ऐश्वर्य का आशीर्वाद देती हैं। रविवार को गुड़, दूध, चावल और कपड़े का दान करना चाहिए। इसके अलावा रविवार को बरगद के पेड़ से टूटा हुआ पत्ता लाकर उस पर अपनी मनोकामना लिखकर बहते पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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