नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर के मूल गर्भग्रह में रामलला की जो मूर्ति रखी जाएगी वह श्याम वर्ण की होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने इस मूर्ति को चुनने के लिए गुप्त मतदान की प्रक्रिया की थी। मतदान की इस प्रक्रिया के परिणाम को अभी मीडिया के सामने नहीं रखा गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो रामलला की जिस मूर्ति को अधिकतम सदस्यों ने पसंद किया है, वह अरुण योगीराज ने कर्नाटक की श्याम शिला से बनाया है।
राम मंदिर के लिए रामलला की तीन मूर्तियों को बनाया गया था। इन मूर्तियों को अरुण योगीराज, गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडेय ने बनाया है। इन मूर्तियों की लंबाई 51-51 इंच रखी गई है। इन मूर्तियों को रखने वाला आधार आठ फीट ऊंचा होगा। पहले यह तय किया गया था कि इन मूर्तियों में कोई एक ही मूर्ति मंदिर में रखी जाएगी। दो बची मूर्तियों को किसी भक्त को दे दिया जाएगा, लेकिन अब यह तया किया है कि तीनों मूर्तियों को मंदिर में रखा जाएगा।
ट्रस्ट के अध्यक्ष के पास फैसला सुरक्षित
शुक्रवार को ट्रस्ट के सदस्यों ने तीनों मूर्तियों को देखा। उसके बाद यह तय हुआ कि इनमें से किसी एक मूर्ति को चुनने के लिए गुप्त मतदान किया जाए। उसके बाद गुप्त मतदान कर मूर्ति को चुन लिया गया। इस निर्णय को ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के पास सुरक्षित रख दिया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.