आईएमडी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 29 दिसंबर की रात से 31 दिसंबर की सुबह तक अधिकांश हिस्सों में घना से बहुत घना (दृश्यता 50 मीटर) कोहरा रहने की संभावना है और कुछ स्थानों पर अगले 3 दिनों तक जारी रहेगा।
स्कायमेट वेदर हिंदी के अनुसार तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थान पर मध्यम बारिश संभव है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, बिहार के कुछ हिस्सों, झारखंड और ओडिशा में घना से बहुत घना कोहरा जारी रह सकता है।
स्कायमेट वेदर हिंदी के अनुसार उत्तरी मैदानी इलाकों में कोहरे की घनी चादर छा गई है, जिससे दिन के तापमान में भारी गिरावट आई है। कोहरा पाकिस्तान के पंजाब हरियाणा, दिल्ली उत्तरी राजस्थान उत्तर प्रदेश तक केंद्रित था।
ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में सुबह छाया रहेगा कोहरा
वर्तमान में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली मौजूद नहीं है। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हवा का रुख भी उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश में रात के तापमान में गिरावट हो रही है। उधर, उत्तरी मध्य प्रदेश में वातावरण में नमी रहने के कारण घना कोहरा बना हुआ है।
इसी क्रम में शुक्रवार को दिन का सबसे कम 17.4 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया, जो सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम रहा। रात का तापमान भी नौ डिग्री सेल्सियस रहने के कारण खजुराहो में तीव्र शीतल दिन रहा।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करने लगेगा। उसके प्रभाव से शनिवार से प्रदेश के अधिकतर शहरों में बादल छाने लगेंगे।
रविवार से रुक-रुककर वर्षा होने की भी संभावना है।मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एसएन साहू ने बताया कि प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में नमी रहने के कारण ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में सुबह के समय लगातार कोहरा बना हुआ है। इस वजह से दृश्यता भी काफी प्रभावित हो रही है।
वर्तमान में हवा का रुख पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के कारण रात के तापमान में गिरावट हो रही है।
शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम 8.6 डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ में रहा। सागर में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पचमढ़ी में पारा 9.4 डिग्री सेल्सियस पर रहा। प्रदेश के नौ शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शनिवार को एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने के बाद मौसम के मिजाज में बदलाव आने की संभावना है।
उसके प्रभाव से बादल छाने के साथ ही प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा भी हो सकती है। वर्षा का सिलसिला रुक-रुककर तीन चार दिन तक बना रह सकता है। मौसम साफ होने के बाद तीन-चार जनवरी से न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि 30 दिसंबर को एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने के बाद मौसम के मिजाज में बदलाव आने की संभावना है।
उसके प्रभाव से बादल छाने के साथ ही प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा भी हो सकती है। वर्षा का सिलसिला रुक-रुककर तीन चार दिन तक बना रह सकता है। इस दौरान ग्वालियर, जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी आशंका है। मौसम साफ होने के बाद तीन-चार जनवरी से न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट हो सकती है।
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