ग्वालियर। मौसमी सब्जियों में इन दिनों पंजाब की मटर और राजस्थान की गाजर के दाम दम दिखा रहे हैं। जबकि स्थानीय शहरों से आ रहे आलू,गोभी और टमाटर के दाम जमीन पर हैं।जबकि बैंगन का स्वाद मन को भा रहा है पर उसके दाम लोगों को सता रहे है।इन दिनों आने वाली हरी सब्जी मैथी,पालक,बथुआ के दाम कम हैं। लेकिन ठंड में सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला अदरक, प्याज, लहसुन आदि के दाम ऊंचे हैं।थोक व्यापारियों का कहना है कि स्थानीय सब्जियां जो आ रही है उनके दाम तो कम है पर बाहर से आने वाली सब्जियां महंगी है। इस कारण से इस वक्त् मिक्स वेज महंगी बन रही है। हालांकि अभी यह दाम कुछ समय तक स्थिर रहेंगे इसके बाद ही कम ज्यादा होंगे।
थोक व खेरिज में सब्जी प्रति किलो
सब्जियां थोक खेरिज
आलू 7से8 20
टमाटर 10 20से 30
मटर 20से25 35से40
गाजर 16से18 30से40
गोभी 18से20 30से40
पत्तागोभी 4से5 15से20
बैंगन 22से23 30से40
कद्दू 8से10 20से30
मैथी-पालक 10 20
मूली 10 20
हरीमिर्च 18से20 35से40
अदरक 80से84 120से150
प्याज 16से18 30से40
लहसुन 140 200से250
शिमिला मिर्च 8से10 20से30
सहजन फली 55 80से 100
धनिया 25 50
बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम अधिक
इस वक्त गाजर और मटर बाहर से आ रही है। गाजर राजस्थान से और मटर पंजाब की धूम मचा रही है इस कारण इनके दाम अधिक है। स्थानीय मटर और गाजर आने में अभी 15 दिन का वक्त लगेगा। जिसके बाद इनके दाम जमीन पर आ जाएंगे। इसी तरह से शमशाबाद की मिर्ची,गोभीके दाम भी 20 रुपये किलो से अधिक हैं। वहीं जबकि बरुआ सागर का अदरक और शिवपुरी का लहसुन परेशान कर रहा है। क्योंकि इनके दाम खेरिज में 100 से 200 रुपये किलो हैं। जबकि स्थानीय सब्जियां आलू,टमाटर,मैथी,पालक, बैंगन आदि के दाम राहत दे रहे हैं।
15 दिन बाद गिरेंगे दाम
थोक व्यापारियों का कहना है कि 15 दिन के अंदर बैंगन,टमाटर,मटर आदि के दाम तेजी से नीचे गिरेंगे। क्योंकि यह सब्जियां भी स्थानीय किसान उपलब्ध कराने लगेंगे।लेकिन अगले एक महीने बाद टमाटर के दाम बढ़ सकते हैं। क्योंकि खेतों से किसान टमाटर की फसल हटाकर गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। क्योंकि टमाटर के दाम घटकर दस रुपये किलो पर आ चुका है। इसलिए किसान फसल को खेतों से हटा रहे हैं जिसका असर आने वाले समय पर पड़ेगा। हालांकि मिर्ची और धनिया स्थानीय आने से दाम कम होने की संभावना है। लेकिन सहजन की फली इस वक्त इंदौर से आ रही है इस कारण से इसके दाम अधिक हैं।
जो सब्जियां बाहर से आ रही है उन्हीं के दाम अधिक है, बाकी स्थानीय स्तर से आने वाली सब्जियों के दाम तो कम है। यह स्थिाति अगले कुछ दिन रहने वाली है। लेकिन उसके आगे सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं,क्योंकि किसान अपने खेतों से फसलें हटा रहे हैं।
बनवारी राजपूत, थोक व्यापारी लक्ष्मीगंज सब्जीमंडी
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